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शर्मनाक; शव से जेवर चोरी करते थे पुलिस वाले, DCP ने सजा की जगह बस चेतावनी देकर छोड़ा - Jewelry stolen from dead body

कानपुर नजीराबाद थाने के पुलिसकर्मियों ने महिला के शव से जेवर चुराने (Kanpur Police Stolen Jewellery) जैसा घृणित कार्य किया. इसके बाद डीसीपी ने दोषी पाए गए सभी पुलिसकर्मियों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया. हालांकि अपर पुलिस आयुक्त ने मामले में दंड़ निर्धारण करने का आदेश दिया है.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 1:11 PM IST

कानपुर नजीराबाद थाना.
कानपुर नजीराबाद थाना. (Photo Credit-Etv Bharat)

कानपुर : बीते साल कानपुर की नजीराबाद थाने के पुलिसकर्मियों पर एक महिला के शव से जेवर चोरी करने का आरोप लगा था. मामला जैसे ही आलाधिकारियों के संज्ञान में आया था तो जांच के लिए डीसीपी दक्षिण को आदेश दे दिए. जांच रिपोर्ट के आधार पर सबसे जेवर चुराने के मामले में नजीराबाद पुलिस को दोषी माना गया. हालांकि डीसीपी ने आरोपी सभी पुलिसकर्मियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया, लेकिन अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय विपिन मिश्रा ने चेतावनी को सजा नहीं माना है और डीसीपी दक्षिण को दंड निर्धारण करने का आदेश दिया है.

कानपुर शहर के नजीराबाद थाना क्षेत्र के रामकृष्ण नगर में 12 अप्रैल 2023 को निखिल उर्फ विवेक ने अपनी मां राजकुमारी की हत्या कर आत्महत्या कर ली थी. राजकुमारी के बड़े बेटे जितेंद्र उर्फ दुर्गेश ने पुलिस को बताया था कि मां ने सोने की चेन अंगूठी और कंगन पहने थे. घटनास्थल पर जांच के दौरान नजीराबाद थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह और चौकी इंचार्ज रवि कुमार की मौजूदगी में मां के सारे जेवर उतार कर पुलिस ने कब्जे में लिए थे, लेकिन जेवर का जिक्र पंचनामा और जनरल डायरी में नहीं किया गया. अंतिम संस्कार के बाद जब परिजन जेवरात लेने नजीराबाद थाने पहुंचे तो उन्हें वहां से धमका कर भगा दिया गया.

इसके बाद जितेंद्र ने मामले की 22 जून 2023 को आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी. वहीं निखिल की मौत के बाद से उसकी पत्नी का परिवार से विवाद हो गया था. पुलिस ने इस मामले में निखिल की पत्नी से तहरीर लेकर उल्टा जितेंद्र पर ही चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर दी. मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पूरे मामले की जांच डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार को सौंपी.

डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार की जांच में नजीराबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक व चौकी प्रभारी समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों दोषी पाए गए. इस मामले में जब डीसीपी साउथ को विभागीय दंड निर्धारण करने के लिए जिम्मेदारी दी गई तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया. मामला जैसे ही अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय विपिन मिश्रा के संज्ञान में आया तो उन्होंने कहा कि चेतावनी कोई दंड नहीं है. इसलिए डीसीपी साउथ को दोबारा दंड निर्धारण करने का आदेश दिया गया है.

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