प्रयागराज : पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ सोमवार से महाकुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. इससे पूर्व शनिवार को मेला क्षेत्र के सेक्टर 16 में सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व दिवंगत सीएम मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगा दी गई. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इसका लोकार्पण किया. मूर्ति कांसे की बनी है. यह करीब 5 फीट ऊंची है. भाजपा नेता इसका विरोध कर रहे हैं. संत समाज भी इसके खिलाफ है. उन्होंने धर्म संसद में मुद्दे को उठाने की बात कही है.
महाकुंभ मेले की शुरुआत से 2 दिन पहले शनिवार को यह मूर्ति लगाई गई. दरअसल सपा नेताओं की ओर से महाकुंभ में कैंप लगाया गया है. यहां एक खुली झोपड़ी में मुलायम सिंह यादव की मूर्ति रखी गई है. सपा कार्यकर्ताओं के अनुसार मुलायम सिंह भगवान की तरह हैं, लिहाजा उनकी मूर्ति लगाकर उन्हें नमन किया जा रहा है.
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मूर्ति का लोकार्पण किया. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में भगवान राम समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्थान दिया गया है. ऐसे में जिसने गरीबों के विकास में बड़ा योगदान दिना, उसकी मूर्ति लगाने में क्या हर्ज है. सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुलायम सिंह ने कुछ ही गलत नहीं किया.
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने इस पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि आस्था के इस मेले में कार सेवकों पर गोलियां चलवाने वाले की मूर्ति लगाना उचित नहीं है. संत-महात्माओं ने भी इस पर नाराजगी जताई है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी का कहना है कि मुलायम सिंह का मैं विरोधी नहीं हूं, लेकिन प्रतिमा लगाने वालों का भाव सही नहीं लग रहा है.
उन्होंने कहा कि अयोध्या में साधु-संतों, निहत्थे कारसेवकों पर गोलियों की बौछार कराने वाले मुलायम सिंह की महाकुंभ में मूर्ति क्यों लगाई जा रही है?. 27 जनवरी को हो रही धर्म संसद में यह मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया जाएगा. इस वक्त मूर्ति लगाने का सीधा मतलब सस्ती लोकप्रियता हासिल करना है. समाजवादी पार्टी माइलेज गेन करना चाहती है. इसलिए इस तरह की ओछी हरकत की गई है. इसका विरोध किया जाएगा.
उधर, साधु- संन्यासियों का कहना है कि मुलायम सिंह की मूर्तिया किसी भी नेता की मूर्ति को महाकुंभ में नहीं लगाना चाहिए. महाकुंभ में देवताओं की मूर्ति स्थापित होती है, ध्वज पताकाएं स्थापित होती हैं. सनातन धर्म के झंडे स्थापित किए जाते हैं. किसी भी राजनेता की मूर्ति का महाकुंभ की धरती पर क्या काम है? जिस जगह देवी देवताओं की मूर्तियां लगती हैं मूर्तियों की पूजा की जाती है, वहां किसी राजनेता की मूर्ति लगाया जाना अपमानजनक है.
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