पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिशन 2025 की तैयारी के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम करने की तैयारी की है. पार्टी के 45 वरिष्ठ नेताओं की पांच टीम बनायी थी. इस टीम से पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता ललन सिंह, विजेंद्र यादव और महेश्वर हजारी को बाहर रखा गया था. इसके बाद कई तरह की चर्चा होने लगी थी. अब नीतीश कुमार ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए टीम की संख्या बढ़ाकर सात कर दी है. विजेंद्र यादव और महेश्वर हजारी को जगह दी गयी है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संशोधित लिस्ट जारी किया.
विजेंद्र यादव और महेश्वर हजारी को जगहः संशोधित लिस्ट के अनुसार पहली टीम को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा लीड करेंगे. दूसरी टीम का नेतृत्व वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी करेंगे. तीसरी टीम का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, चौथी टीम को मंत्री श्रवण कुमार, पांचवी टीम का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, छठी टीम का नेतृत्व मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव करेंगे और सातवीं टीम का नेतृत्व मंत्री अशोक चौधरी करेंगे. रामनाथ ठाकुर की टीम में महेश्वर हजारी को जगह दी गयी है. प्रत्येक टीम में नौ नेताओं को जगह दी गई, यानी 63 नेताओं की टीम की गयी.
प्रदेश अध्यक्ष के जारी पत्र. (ETV Bharat) ललन सिंह को किसी टीम में जगह नहींः सात टीम बनाये जाने के बावजूद केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह को अभी भी कार्यक्रम से दूर रखा गया है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर यह कार्यक्रम तैयार हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल नहीं है. जदयू का यह जिला स्तरीय कार्यक्रम 24 नवंबर से शुरू हो रहा है. कार्यक्रम में भी संशोधन किया गया है. पहले 22 दिसंबर तक जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन चलना था. लेकिन अब 14 दिसंबर तक ही यह अभियान चलेगा. क्योंकि टीम की संख्या 5 से बढ़कर 7 हो गयी है.
टीम के संशोधित नाम. (ETV Bharat) क्यों शुरू हो रहा अभियानः2025 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए 2020 के प्रदर्शन को सुधारने की सबसे बड़ी चुनौती है. प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं. केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लाया है, उससे भी नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ी हुई है. 2020 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के मुस्लिम उम्मीदवार जीत नहीं पाए थे. 2024 में भी नीतीश के मुस्लिम उम्मीदवार जीत नहीं पाए. नीतीश इस अभियान के माध्यम से मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे. साथ ही सरकार की उपलब्धियां लोगों को बतायी जाएगी.
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