रांची:झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों का प्रदेश कार्यालय में हर सोमवार को होनेवाली जनसुनवाई पिछले नौ माह से बंद है. कांग्रेस इसके लिए भाजपा पर आरोप लगा रही है तो भाजपा भी पलटवार करने में पीछे नहीं है.भाजपा,जहां इसे कांग्रेस मंत्रियों में मलाई खाने की प्रवृति बता कर तंज कस रही है तो कांग्रेस ने कहा कि राज्य की जरूरतमंद लोगों जनसुनवाई के माध्यम से राहत नहीं पहुंचा पा रहे हैं इसकी जिम्मेवार भाजपा है.
2022 के अगस्त में शुरू हुई थी कांग्रेस मंत्रियों की जनसुनवाई
झारखंड की जनता को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना न पड़े इसके लिए वर्ष 2022 में तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को निर्देश दिया था. उनके आदेश के बाद झारखंड कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में हर सोमवार को जनता की शिकायत दूर करने के लिए कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने 28 अगस्त से जनसुनवाई शुरू की थी.हर महीने के सभी सोमवार को जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को रोटेशन वाइज पार्टी कार्यालय में बैठ भी रहे थे, लेकिन पिछले नौ महीने से जनसुनवाई नहीं हो रही है.
नौ महीने से बंद है कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जनसुनवाई
पहले दिवाली,उसके बाद छठ पूजा और फिर गुरुनानक जयंती, प्रकाश पर्व, फिर बदलते राजनीति घटनाक्रम का हवाला देकर जनसुनवाई टलती रही. फिर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन, राजनीतिक अस्थिरता,मंत्रिमंडल में बदलाव को वजह बताते हुए जनसुनवाई नहीं हुई.ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या अब जब फिर से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बन गई है और दो नए मंत्रियों के साथ कांग्रेस के कोटे के चार मंत्री बन गए हैं तो सवाल उठता है कि क्या फिर से जनसुनवाई शुरू होगी.
भाजपा ने कांग्रेस पर कसा तंज