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15 नवंबर को मनाया जाएगा ''जनजातीय गौरव दिवस'', भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर होगा आयोजन - Janjatiya Gaurav Divas

15 नवंबर को पूरे छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव उत्सव मनाया जाएगा. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर ये आयोजन किया जाएगा. इस बात की जानकारी खुद सीएम विष्णु देव साय ने दी. सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज की संस्कृति में गहरी आध्यात्मिकता छिपी है.

JANJATIYA GAURAV DIVAS
बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 1, 2024, 6:23 PM IST

रायपुर: जनजातीय गौरव उत्सव का आयोजन छत्तीसगढ़ के हर जिले में किया जाएगा. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 15 नवंबर के दिन ये आयोजन किया जाएगा. सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है. आदिवासी समाज से आज पूरी दुनिया को सीखने की जरुरत है. प्रकृति के बीच रहने वाले ये आदिवासी प्रकृति की पूजा करते हैं. प्रकृति को अपना भगवान मानते हैं. आदिवासी समाज हमेशा से देश और दुनिया को प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन का रास्ता दिखाता रहा है.

15 नवंबर को मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस: सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज के लोगों से आज जीवन जीने की कला लोगों को सीखनी चाहिए. आदिवासी समाज में किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है. सभी को समाज भाव से देखा जाता है. प्रेम और भाईचारे का संदेश हमेशा से आदिवासी समाज दुनिया को देता रहा है. आदवासी समाज में जन्मे भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य और बलिदान से हमें प्रेरणा मिलती है. बिरसा मुंडा के बताए मार्ग पर चलने की जरुरत है. भगवान बिरसा मुंडा ने शोषण मुक्त समाज का सपना देखा था हमें उस सपने को साकार करना चाहिए.

जनमन योजना से बढ़ रही खुशहाली: सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के जरिए आदिवासी और पिछड़ी जाति के लोगों का जीवन संवारने की कोशिश पीएम मोदी कर रहे हैं. समाज में समृद्धि और समानता लाने की कोशिश भी पीएम मोदी के शुरु किए गये योजना से की जा रही है. कल पीएम मोदी झारखंड के हजारीबाग से जनजाति उन्नत ग्राम अभियान का आगाज करने जा रहे हैं. जनजाति उन्नत ग्राम अभियान के तहत जनजातीय बहुल 63 हजार गांवों के पांच करोड़ लोगों को इससे फायदा मिलेगा. आदिवासियों और गरीबों के जीवन में सुधार आएगा.

जनजातीय लोग कभी दिखावा नहीं करते, उनकी सरलता-सहजता मन मोह लेती है. जनजातीय समाज की खानपान की शैली से बीपी शुगर जैसी बीमारी नहीं होती.: विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री

स्वतत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का बड़ा योगदान रहा है. आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को सबसे ज्यादा नुकसान जनजातीय क्षेत्रों में संघर्ष के दौरान हुआ.: केदार कश्यप, मंत्री

आदिवासी समाज देता है एकजुटता का संदेश: केदार कश्यप ने कहा कि पहले रेल लाइन बिछाने के लिए फिश प्लेट लकड़ी के लगाए जाते थे. जंगल की कीमती लकड़ी इसमें खत्म हो रही थी. जनजातीय समाज ने इस का विरोध किया. बाद में पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाना बंद हुआ. अब हमारे जंगल सुरक्षित हैं. सामाजिक एकजुटता के चलते ये संभव हो पाया. जनजातीय समाज की गौरव गाथा आज नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जरुरत है. बस्तर का दशहरा इस बात का प्रमाण है. आदिवासी समाज में आज भी 80 फीसदी परिवार संयुक्त परिवार के तौर पर रहते हैं. मोटे अनाज खाते हैं. इस समाज से सबको सीखने की जरुरत है.

आदिवासी समाज में दहेज के लिए नहीं जलाई जाती बहू, हमारा इतिहास रहा है गौरवशाली: सीएम - glorious history of Tribal society
सीएम साय की पहल से आदिवासी वर्ग को मिल रही सुविधाएं, पीवीटीजी वर्ग को मिल रहा आशियाना - PVTG got housing facility in cg
छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत, छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशाला - Tribal Society Workshop

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