जमुई: महागठबंधन कहें या I.N.D.I.A गठबंधन अपने उम्मीदवार के रूप में अर्चना रविदास को आरजेडी चुनावी मैदान में उतार चुकी है. दूसरी तरफ NDA गठबंधन की ओर से जमुई सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में है. जमुई सांसद चिराग पासवान इस बार खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में जमुई लोकसभा से उनके जीजा अरुण भारती चुनावी मैदान में हैं.
जमुई लोकसभा सीट में 6 विधानसभा: जमुई लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से जमुई जिले की चार जिसमें जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा आती हैं. जबकि मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट और शेखपुरा जिले की शेखपुरा विधानसभा सीटों में से 4 विधानसभा सीट पर एनडीए, एक पर राजद और एक पर निर्दलीय की जीत हुई. पिछले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लोजपा को बढ़त मिली थी. चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह अभी एनडीए के साथ हैं, तारापुर से जेडीयू, शेखपुरा से राजद, सिकंदरा से हम, जमुई से भाजपा, झाझा से जदयू के विधायक हैं.
जमुई में वोटर्स की संख्या: जमुई लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिऐ आरक्षित है. लेकिन यहां यादव व मुस्लिम मतदाता की संख्या काफी है. सभी राजनीतिक दलों दलों की नजर दलित और महादलित वोट बैंक पर होती है. ये उम्मीदवार की हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं. पुरूष वोटर 9,14,000 एवं महिला वोटर 8,10,750 हैं. 2019 में लोजपा को 55.76 प्रतिशत वोट मिले थे. (उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी) RLSP को 30.34 प्रतिशत और अन्य को 9.74% और नोटा को 4.16 फीसदी वोट मिले थे.
जमुई का इतिहास :जमुई लोकसभा क्षेत्र बिहार के अन्य संसदीय क्षेत्रों से अलग है. 1952 के बाद दो बार विलोपित हुआ. पहली बार 1957 में इसका अस्तित्व खत्म हुआ और पांच साल बाद 1962 में फिर गठित हुआ. जब 1977 में इसका फिर से परिसिमन हुआ तो पुन: विलोपित हो गया. 30 साल बाद 2009 में फिर से अस्तित्व में आया. इस अवधि में ( 1977 से 2004 तक ) जमुई में चार जिले मुंगेर, बांका, गोड्डा और बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बना रहा. कुल मिलाकर 35 साल तक विलोपित रहा. आजादी के बाद से अबतक 8 सांसद चुने गए. 9वां सांसद चुना जाना है. 2024 लोकसभा चुनाव में, प्रथम चरण में जमुई में मतदान है.