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'IGMC में भी कैंसर की दवाई न दे पाने वाले कर रहे हैं बड़ी-बड़ी बातें, बिना इलाज के लौट रहे मरीज'

सीएम जयराम ठाकुर ने आईजीएमसी अस्पताल में कैंसर मरीजों को दवाइया न मिलने का आरोप लगाते हुए सुक्खू सरकार को घेरा है. पढ़ें पूरी खबर.

सीएम सुक्खू पर जयराम ठाकुर का पलटवार
सीएम सुक्खू पर जयराम ठाकुर का पलटवार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 14 hours ago

शिमला: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है. इस मुद्दे को लेकर सीएम सुक्खू और नेता विपक्ष के बीच भी खूब तकरार देखने को मिल रही है. बीते कल सराज में सीएम सुक्खू ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक में एमआरआई मशीन न लगा पाने और पूरे प्रदेश के अस्पतालों को रेफरल अस्पताल बना देने का आरोप नेता विपक्ष जयराम पर लगाया था. आज नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू पर पलटवार किया है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'प्रदेश की राजधानी में स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भी सरकार कैंसर के मरीजों को दवाइयां नहीं उपलब्ध करवा पा रही है. इसके बाद भी बड़ी-बड़ी बातें कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए झूठ बोल रही है. क्या इस सरकार का एकमात्र एजेंडा और गवर्नेंस का मॉडल झूठ का मॉडल है? क्या मुख्यमंत्री अखबार नहीं पढ़ते या उन्हें उनके सलाहकार बताते नहीं है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है? कैंसर के इलाज में समय का कितना महत्त्व होता है, यह बात हर आदमी जानता है, लेकिन यह बात मुख्यमंत्री को और हमारे स्वास्थ्य महकमे के सर्वेसर्वा को पता नहीं है. कैंसर का इलाज करा रहे पेशेंट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इम्यूनोथेरपी के इंजेक्शन प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान आईजीएमसी में भी नहीं हैं. पेशेंट आते हैं और इंजेक्शन न मिलने पर बिना इलाज के ही लौट जाते हैं. इसके बाद प्रदेश के मुखिया बड़े-बड़े मंचों से खड़े होकर कहते हैं की हमने तो स्वास्थ्य व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर की कर दी है. ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था प्रदेश को नहीं चाहिए.'

नेता प्रतिपक्ष ने कहा की, 'हर दिन प्रदेश के अखबारों में स्वास्थ्य व्यवस्था के रसातल में चले जाने की खबरें प्रमुखता से छपती हैं. कभी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए एडमिट पेशेंट बेड से वापस लौटा दिए जाते हैं तो कभी छोटे मोटे ऑपरेशन के लिए आए मरीज बिना ऑपरेशन के ही घर भेज दिए जाते हैं. सामान्य से सामान्य जांचों की किट और रूटीन में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी आईजीएमसी में उपलब्ध नहीं रहती हैं, जिसके कारण लोगों को या तो बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है या बिना पूरी दवाइयों के ही इलाज करवाना पड़ता है. यह सिर्फ इसलिए है कि सरकार दवा आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के पुराने बिलों का भुगतान नहीं कर रही है. दुखद स्थिति ये है की यह हालात प्रदेश के दूरस्थ स्थित किसी सामान्य संस्थान में न होकर आईजीएमसी जैसे प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संस्थान के हैं.'

जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'झूठ बोलकर गलत आंकड़े पेश करके मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपने आलाकमान को गुमराह कर सकते हैं,लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों को नहीं. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के एक भी झूठ को चलने नहीं देगी. हर दिन उनके सभी झूठ बेनकाब किए जाएंगे. प्रदेश में लोगो के इलाज के लिए पूर्व सरकार ने जो भी विश्वस्तरीय प्रयास किए गए थे उसे मुख्यमंत्री ने एक झटके में ही तबाह कर दिया है. आज आईजीएमसी जैसे संस्थानों में अगर बेहद संवेदनशील माने जाने वाली कैंसर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवाएं और चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं तो इससे शर्मनाक बात कुछ नहीं हो सकती है. अगर आज ओपन हार्ट सर्जरी के मरीज भर्ती करने के बाद भी घर वापस भेजने पड़ रहे हैं तो ऐसे हालात का जिम्मेदार कौन है?'

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