जयपुर. हेरिटेज निगम क्षेत्र को ओपन कचरा डिपो फ्री बनाने के लिए अब 60 अधिकारियों की टीम ने फील्ड में उतरकर इंटेंसिव मॉनिटरिंग शुरू की है. साथ ही ओपन कचरा डिपो हटाने के बाद सीएसआई, एसआई ओपन कचरा डिपो के सामने कुर्सी लगाकर बैठने और कचरा डालने वालों पर नजर रखते हुए उनके चालान काटने के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही ओपन डिपो खत्म करने के लिए मटके, बैंच, गमले, बैरिकेड्स, साइनेज, पेंटिंग, रंगोली और तारबंदी भी करने के निर्देश दिए हैं.
बीते तीन महीनों में सफाई कर्मचारियों की हाजरी, कचरा डिपो की स्थिति, हूपर्स और शौचालयों का निरीक्षण करवाने के बाद अब ओपन कचरा डिपो को पूरी तरह साफ करवाने का टास्क हाथ में लिया गया है. हेरिटेज निगम कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने मुख्यालय और जोन के सभी अधिकारियों को पहले ओपन डिपो की ऑन द स्पाॅट गूगल शीट में रिपोर्ट भरने और कम से कम दो घंटे फील्ड में उतरने के निर्देश दिए हैं.
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कचरों के खुले ढेर के खिलाफ मुहिम : हेरिटेज निगम के स्वास्थ्य उपायुक्त सोहन सिंह नरूका ने बताया कि हेरिटेज क्षेत्र में सर्वे कराया गया, जिसमें करीब 525 ओपन कचरा डिपो चिह्नित किए गए हैं. इन कचरे के ढेर के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी गई है, जिसके तहत अगले एक महीने में हेरिटेज निगम के क्षेत्र को इन कचरे के ढेरों से मुक्त कर दिया जाएगा. इसके लिए 60 से ज्यादा निगम अधिकारियों की टीम सुबह 7 बजे से 10 बजे तक फील्ड में रहती है. इन अधिकारियों की ओर से ओपन कचरा डिपो की मॉनिटरिंग की जा रही है. गूगल सर्वे के आधार पर जिन ओपन कचरा डिपो को चिह्नित किया गया है, उनकी लोकेशन पर पहुंचकर डिपो हटाने का कार्य करते हैं और कितने डिपो कम हुए हैं, इसकी रिपोर्ट भी गूगल सीट पर शेयर की जाती है.
उन्होंने कहा कि प्रयास यही है कि शहर में कचरे के ढेर ना लगें. निगम के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो किसी भी तरह से रोड पर कचरा इकट्ठा ना करने दें. साथ ही आम जनता से भी आग्रह है कि कचरा सिर्फ डोर टू डोर कचरा कलेक्ट करने वाले हूपर में ही डालें. वहीं, जिन कचरा डिपो को हटाया जा रहा है, वहां पूरी तरह साफ सफाई कर गमले, मटके, टेंट, रंगोली, पेंटिंग और ब्यूटीफिकेशन कराया जा रहा है, ताकि लोग समझें और कचरा न डालें, क्योंकि ये ओपन कचरा डिपो जयपुर जैसे सुंदर शहर पर एक बदनुमा दाग जैसे प्रतीत होते हैं. उन्होंने कहा कि जल्द इन दागों को पूरी तरह साफ करने का प्रयास करेंगे.
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कचरा फैलाया तो कटेगा चालान : नरूका ने कहा कि जिन तंग गलियों में हूपर नहीं जा पा रहे हैं, वहां ओपन कचरा डिपो के आसपास ट्रैक्टर ट्राली लगाई जा रही है. आमजन से आग्रह है कि वो कचरा सड़क पर डालने की बजाए ट्रॉली में डालें, या फिर निगम के कर्मचारियों को दिए जा रहे बैग्स में डालें और यदि फिर भी आमजन जागरूक नहीं होता है, तो फिर चालान के प्रावधान भी निर्धारित किए गए हैं, जिसके तहत अधिकारी, एसआई, सीएसआई को चालान बुक दी गई है. लोगों से कैरिंग चार्ज वसूल किया जाएगा.
इसके साथ ही हूपर्स पर स्वच्छता और चुनाव के जिंगल चलवाने, हूपर्स को तिरपाल से ढकवाने, हूपर्स में हैल्पर्स यूनिफॉर्म में हों, सार्वजनिक शौचालयों निरीक्षण करने, पान और टॉयलेट के धब्बे हटाने, 100 किलो से ज्यादा कचरा पैदा करने वाले होटल रेस्टाेरेंट और हॉस्पिटल को जीरो वेस्ट प्रोजेक्ट लगवाने, सीवर की समस्याओं का निस्तारण और नालों की सफाई करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं.