जयपुर: भारत सरकार की ओर से अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 के माध्यम से किए जा रहे संशोधन का दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से शुक्रवार को वकीलों ने विरोध किया. इस संबंध में वकीलों ने कलेक्टर के जरिए केंद्रीय विधि मंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया और न्यायिक कार्य स्थगित रखा.
दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने बताया कि जो धाराएं नए अधिनियम में जोड़ी जा रही है, उसके कारण वकील निष्पक्ष कार्य नहीं कर पाएंगे, इसलिए इन धाराओं को तुरंत हटाया जाए. इस अधिनियम में संशोधन से वकीलों की स्वतंत्रता का हनन होगा और वह स्वतंत्र होकर कार्य नहीं कर पाएगा. गजराज सिंह ने चेतावनी दी कि यदि अधिनियम में संशोधन किया गया तो जयपुर नहीं पूरे प्रदेश के वकील एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसके लिए अन्य बार एसोसिएशन से बात कर आगे की रणनीति भी बनाई जाएगी.
बार एसोसिएशन के महासचिव नरेंद्र सिंह राजावत ने कहा कि अधिवक्ता संशोधन अधिनियम विधि विरुद्ध है.उन्होंने कहा कि अधिनियम में एक धारा जोड़ी गई है, जिसके तहत यदि वकील झूठा मुकदमा पेश करता है तो उसके खिलाफ 50 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी. यह सरासर गलत है. हमें कैसे पता चलेगा कि परिवादी झूठ बोल रहा है या सच. हमें जो जानकारी परिवादी देता है उसी के अनुसार हम आगे की कार्रवाई करते हैं और मुकदमा लड़ते हैं. यह एक तरह से काला कानून है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.