जयपुर :राजधानी जयपुर की बगरू थाना पुलिस ने रात के समय भेड़-बकरियां चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. रविवार को पुलिस ने चोरी के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अलवर निवासी वकील बंजारा, सूरज बंजारा, पांडू बंजारा, महेंद्र बंजारा, बच्चन बंजारा और बच्चू बंजारा को गिरफ्तार किया गया है. वारदात के लिए उपयोग में लिए गए पिकअप को भी जब्त कर लिया गया है. आरोपियों ने छितरोली गांव में 13 अगस्त, 2024 की रात को पीड़ित और उसकी पत्नी को बंधक बनाकर भेड़-बकरियां चोरी करने की वारदात को अंजाम दिया था.
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के मुताबिक 13 अगस्त को पीड़ित मदनलाल गुर्जर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 12 अगस्त की देर रात को पीड़ित और उसकी पत्नी खाना खाकर छप्पर में सो गए थे. पास ही बाड़े में भेड़ बकरियां बंधी हुई थी. देर रात को दो पिकअप गाड़ी में कुछ लोग आए. जिन्होंने पीड़ित को सरिया से मारा और डरा धमकाकर उसकी पत्नी का नाक का आभूषण, कान के सोने के टॉप्स, चांदी की पाइजेप लूट लिए. पति-पत्नी को बंधक बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया. फिर बाडे में बंधे हुए जानवरों में 68 बकरियां, 11 बकरा, 26 छोटे बकरे- बकरियां और 6 भेड़ पिकअप गाड़ी में भर ले गए.
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रात में हो रही चोरी और लूट की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए एडिशनल डीसीपी वेस्ट नीरज पाठक और एसीपी बगरू अमीर हसन के निर्देशन में बगरू थाना अधिकारी हरिशचंद्र सोलंकी के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित की गई. पुलिस की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित करके छितरौली, महला, दूदू, मोजमाबाद, फागी, चाकसू, कैथून, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे, हनुमान चौक अलवर समेत अन्य जगहों पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चेक किये. तकनीकी सहायता से वारदात करने वाली गैंग के सदस्यों की पहचान की गई. आरोपियों की पहचान करने के बाद उनका पीछा करते हुए गैंग के 6 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपियों के कब्जे से वारदात के उपयोग में ली गई पिकअप गाड़ी बरामद की गई है. घटना में शामिल अन्य आरोपियों के संबंध में अनुसंधान जारी है.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम :आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है की गैंग के सदस्य गिरोह बनाकर भैंस, पाड़ा और भेड़- बकरियां चोरी करने की वारदात करते थे. चोरी करने के स्थान को चिन्हित करके उस स्थान पर एक-दो दिन पहले पिकअप और मोटरसाइकिल से आ जाते थे. पिकअप को हाइवे के आसपास ढाबों पर खड़ी करके मोटरसाइकिल पर सवार होकर चोरी के लिए चिन्हित किए गए स्थान पर आने और जाने वाले लोगों की रेकी करते थे.
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रात के समय उस स्थान पर कितने व्यक्ति रहते हैं, उसकी पूरी जानकारी करने के बाद मध्य रात्रि के बाद चोरी करने वाले स्थान पर जाकर वहां पर सोए हुए लोगों को आवाज लगाकर रास्ता पूछने का बहाना बनाकर पास बुलाते थे और गैंग के सदस्य उन्हें पड़कर बंधक बना लेते थे. परिवार में और भी कोई सदस्य जाग जाता था तो उसको भी बंधक बना लेते थे. उसके बाद गैंग के सदस्य पशुधन चोरी करके ले जाते थे. अगर सोया हुआ व्यक्ति आवाज लगाने पर जगता नहीं था तो उसके पशुधन की चोरी करके ले जाते थे. और जागने वालों को बंधक बना देते थे. आरोपी गांव के बाहर रास्ते के नजदीक एकांत स्थान को चोरी करने के लिए चिह्नित करते थे.