अलवर : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह ने राजस्थान की भाजपा सरकार पर ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) की क्रियान्विति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ईआरसीपी योजना के ढिंढोरा खूब पीट रही. यह योजना अभी कागजों में ही चल रही है. जनता पूछ रही है कि उन्हें पानी कब मिलेगा? उन्होंने राज्य सरकार की ओर से गत बजट में स्वीकृत सिलीसेढ़ से अलवर तक पानी लाने को लेकर कहा कि इससे अलवर की जनता को कुछ समय के लिए फायदा हो सकता है. अलवर की पानी की समस्या के निराकरण के लिए स्थाई पेयजल योजना को धरातल पर लाने की जरूरत है.
योजना अभी कागजों में ही : पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अलवर में पानी की समस्या पुरानी है. वे अलवर से दो बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान अलवर में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए चम्बल की योजना मंजूर कराई थी. इस योजना पर उस समय कार्य भी शुरू हो गया था, लेकिन तभी कांग्रेस की सरकार बदल गई और नई सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया गया. बाद में इससे भी बड़ी पानी की ईआरसीपी योजना लाई गई. यह योजना अभी कागजों में ही चल रही है. इस योजना पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते कुछ काम भी हुआ.
पानी कब मिलेगा? : उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तो केंद्र की भाजपा सरकार ने काम नहीं करने दिया. अभी प्रदेश व केंद्र में भाजपा की सरकार है, फिर भी काम नहीं हो रहा. ईआरसीपी योजना को लेकर उद्घाटन हो रहे हैं, बोर्ड लग रहे हैं, ढोल बज रहे हैं, लेकिन जनता सवाल पूछ रही है कि अलवर में उन्हें पानी कब मिलेगा?
सिलीसेढ़ से पानी लाने की योजना स्थाई हल नहीं : पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिलीसेढ़ से पानी लाने की योजना अलवर में पेयजल समस्या का स्थाई हल नहीं है. इस योजना से कुछ समय के लिए पानी लाया जा सकता है, गर्मियों में सिलीसेढ़ झील में पानी नहीं बचता, ऐसे में अलवर को पानी कहां से मिलेगा? उन्होंने कहा कि हालांकि सिलीसेढ़ से अलवर पानी लाने की योजना भी कांग्रेस सरकार के दौरान बनी थी. इस योजना पर उस समय काम भी शुरू हो गया था. अलवर के लिए पानी की स्थाई योजना की जरूरत है. इसके लिए ईआरसीपी की योजना तुरंत अलवर आए. इस योजना से अलवर ही नहीं थानागाजी, टहला, राजगढ़, रैणी, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ में भी पानी पहुंचाने की जरूरत है. कारण है कि अलवर शहर सहित इन क्षेत्रों में भी पानी की समस्या बड़ी है.
बोरिंग कर पानी निकालना समस्या का समाधान नहीं : पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि पानी की समस्या के निराकरण के लिए बोरिंग कर जमीन से पानी निकालना कोई हल नहीं है. अलवर जिले की समस्या है कि यहां का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है. यहां बोरिंग करने से कुछ महीनों पानी मिलता है और बाद में ये बोरिंग सूख जाते हैं.