जबलपुर। एक बार फिर गेहूं खरीदी में यहां घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में नए गेहूं में पुराना घुन लगा गेहूं मिला दिया गया है और गेहूं की बोरों से टैग गायब कर दिए गए हैं. घुना हुआ पुराना गेहूं राघव वेयर हाउस से मिला है. कलेक्टर के आदेश के बाद पूरे जिले के गेहूं की जांच की जा रही है और जहां कहीं भी घुना हुआ गेहूं पाया जाएगा वहां किसानों का भुगतान रोक दिया जाएगा. यह तय किया जा रहा है कि यह घुना हुआ खराब गेहूं किसने बेचा है. कलेक्टर ने 4 अधिकारियों को सस्पेंड करते हुए हिदायत दी है कि गेहूं की बोरों से टैग नहीं निकाला जाए ताकि पता चले कि गेहूं किस खरीदी केन्द्र का है और किस किसान का है.
राघव वेयर हाउस में मिला घुन लगा गेहूं
जबलपुर के राघव वेयर हाउस में पुराना घुन लगा गेहूं मिलने की जानकारी मिलने के बाद जबलपुर कलेक्टर ने तुरंत गेहूं की जांच शुरू करवा दी. जिस वेयर हाउस में घुना गेहूं मिला उसमें जैसे-जैसे अंदर का गेहूं निकाला गया तो वह और ज्यादा खराब था. कलेक्टर ने कई टीम बनाकर ना केवल राघव वेयर हाउस बल्कि जबलपुर जिले के सभी खरीदी केन्दों के जांच के आदेश दे दिए हैं.
6 करोड़ के गेहूं में मिला घुन
राघव वेयर हाउस में यह गेहूं रखा हुआ था उसमें 6 करोड़ 19 लाख रुपए में से 4 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किसानों को हो चुका था लेकिन अभी जिन किसानों को भुगतान नहीं हुआ है उनके भुगतान पर रोक लगा दी गई है. और जिन्हें भुगतान हो गया है और किसानों ने यदि बैंक से पैसा नहीं निकला है तो उसे पर भी फिलहाल रोक लगाई गई है. कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि जिन बोरों में घुना हुआ गेहूं मिला है उन पर किसानों के टैग नहीं लगे हैं.इस मामले में चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है
4 अधिकारी सस्पेंड
कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "मानते हैं कि इसमें कई सरकारी कर्मचारी, समिति प्रबंधक, सरवेयर दोषी हैं और इन सभी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. इस मामले में गोदाम के मालिक की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही इसलिए इसकी भी जांच की जा रही है. फिलहाल 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. गेहूं के हर बोरे की जांच की जाएगी और जिम्मदार अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा."