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स्कूल मालिक उड़ा रहे आदेश की धज्जियां, सरकार के खिलाफ ही ठोक दिया मुकदमा - School Fee hike Case Jabalpur

जबलपुर में निजी स्कूल संचालकों द्वारा फीस बढ़ोत्तरी के फैसलों को वापस लेने के सरकार के आदेश के बाद भी स्कूल मालिकों की मनमानी जारी है. अभिभावकों ने इसके खिलाफ रविवार को फिर से प्रदर्शन किया.

SCHOOL FEE HIKE CASE JABALPUR
फीस वृद्धि को लेकर विरोध करते बच्चों के अभिभावक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 22, 2024, 10:45 PM IST

जबलपुर: निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का मुद्दा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को फिर से जबलपुर के सेंट एलॉ यसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पोलीपाथर के बाहर अभिभावकों ने आंदोलन किया. स्कूल संचालकों ने सरकार की बात मानने से मना कर दिया है. स्कूल मालिक न तो फीस कम कर रहे हैं और न ही वसूली फीस वापस कर रहे है. संचालकों ने सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. स्कूल मालिकों के इस रवैये से अभिभावक कन्फ्यूजन में हैं कि बढ़ी हुई फीस जमा करे या मामले में सरकार के दोबारा दखल का इंतजार करें.

अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन (ETV Bharat)

स्कूल संचालक सरकार का आदेश मानने को तैयार नहीं

स्कूल संचालकों के अड़ियल रवैये से परेशान अभिभावकों ने रविवार को जबलपुर के पोली पोलीपाथर स्कूल के सामने एक बार फिर सैकड़ों की तादाद में आंदोलन किया. इसी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्रा के पिता प्रमोद पटेल का कहना है कि, जबलपुर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की फीस कम करने का आदेश दिया है. जिसके तहत पोलीपाथर स्कूल को ही 8 करोड़ से ज्यादा की फीस वापस करनी है और बढ़ी हुई फीस को कम करना है, लेकिन प्रशासन के आदेश के बाद भी स्कूल फीस कम करने को तैयार नहीं है और लगातार छात्र-छात्राओं को फीस जमा करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं.

सरकार के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर

आंदोलन बढ़ता देख प्रिंसिपल पुलिस के साथ स्कूल से बाहर आए. उन्होंने आंदोलन कर रहे अभिभावकों से बात की, लेकिन वह फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने और अभिभावकों की फीस वापस करने के लिए तैयार नहीं हुए. स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि, 'सरकार ने जो फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने का आदेश दिया है, हम उसे नहीं मानते. सरकार के नोटिस के खिलाफ हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.' स्कूल के प्रिसिंपल फिलहाल किसी भी कीमत पर वसूली फीस वापस करने और फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने को तैयार नहीं है. जबकि जिले के 10 स्कूलों ने सरकार के निर्देश को मानते हुए फीस को कम कर दिया है.

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मान्यता रद्द करने की मांग

जबलपुर में यह हालत केवल एक स्कूल का नहीं है बल्कि ज्यादातर स्कूलों की यही स्थिति है. स्कूल संचालकों के अड़ियल रवैये से यह साफ हो जाता है कि वो सरकार द्वारा तय की गई फीस के आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं. ज्यादातर स्कूलों ने अभी तक अपनी फीस कम नहीं की है. अब लोगों को जिला प्रशासन की कार्रवाई पर भी शक होने लगा है. आदोलन कर रहे लोगों ने स्कूल संचालक के अड़ियल रवैये को देखते हुए सरकार से स्कूल की मान्यता रद्द करने की भी मांग कर दी.

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