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नॉनवेज के शौकीनों के लिए खुशखबरी, जबलपुर के रिसर्चर ने बनाए ऐसे चिकन नगेट्स जो 21 दिनों तक नहीं होंगे खराब

चिकन नगेट्स में पोटेशियम सॉल्ट का इस्तेमाल कर इसे बनाया और हेल्दी. अब जल्दी खराब नहीं होंगे नगेट्स.

JABALPUR UNIQUE CHICKEN NUGGETS
21 दिनों तक खराब नहीं होंगे ये चिकन नगेट्स (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

जबलपुर: नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के रिसर्च स्कॉलर्स ने एक नए तरीके के चिकन नगेट्स बनाए हैं. इन चिकन नगेट्स की सभी नुकसानदायक पहलुओं को खत्म कर दिया है. यह चिकन नगेट्स डीप फ्राइड नहीं है, बल्कि इन्हें भाप में पकाया गया है. इन्हें कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है कि कंट्रोल कंडीशंस में इन्हें 21 दिनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है. नॉनवेज की शौकीनों के लिए यह खुशखबरी है.

पोल्ट्री उत्पादों की समस्याओं का समाधान

पोल्ट्री उत्पादों के बारे में यह कहा जाता है कि पोल्ट्री उत्पाद ज्यादा दिन तक रखकर खाने योग्य नहीं रहते. इसकी वजह से पोल्ट्री के उत्पादों को तुरंत इस्तेमाल करना जरूरी होता है, लेकिन जबलपुर के नाना जी देशमुख वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दावा किया है कि उन्होंने एक डिश बनाई है, जिसका इस्तेमाल 21 दिनों तक किया जा सकता है. 21 दिनों में यह पूरी तरह खाने के लिए सुरक्षित रहेगी.

रिसर्चर ने बनाए हेल्दी और अनोखे चिकन नगेट्स (ETV Bharat)

कैसे बनता है चिकन नगेट्स

इस उत्पाद का नाम चिकन नगेट्स है. इस उत्पाद को बनाने वाली वेटरनरी डॉक्टर श्रेया ने बताया, " चिकन नगेट्स को बनाना बहुत सरल है. इसके लिए चिकन का कीमा बनाना होता है. इसके साथ इसमें मैदा, नमक, शक्कर, अदरक, लहसुन का पेस्ट मिलाया जाता है और उसे कुछ उसी ढंग से भाप में पकाया जाता है, जैसे मोमोज तैयार किए जाते हैं. भाप में पकाने की वजह से नगेट्स के प्रोटीन पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं."

क्यों बढ़ जाती है ड्युरेबिलिटी

वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के पशु उत्पादन प्रौद्योगिकी की विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पी के सिंहका कहना है, " चिकन नगेट्स को भाप पर 100 डिग्री टेम्परेचर के ऊपर पकाया जाता है और लगातार इसी टेंपरेचर पर पकाने की वजह से इसके भीतर के बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं, जो मांस को सड़ाने का काम करते हैं. इसके बाद इसकी तुरंत पैकेजिंग करके 4 डिग्री फारेनहाइट पर स्टोर किया जाता है. इस स्थिति में इसमें खाद्य पदार्थ को सड़ाने वाले बैक्टीरिया पनप नहीं पाते और पूरा प्रोडक्ट स्टेरलाइज हो जाता है." डॉ. पीके सिंहने बताया, " उनके विभाग में उन्होंने इस प्रोडक्ट को लगातार 21 दिनों तक जांचा है कि इन दिनों में इसमें बैक्टीरिया तो पैदा नहीं हुए. 21 दिनों तक इस प्रोडक्ट का स्वाद भी परिवर्तित नहीं हुआ."

नेचुरल प्रिजर्वेटिव का एक्सपेरिमेंट

डॉ. पीके सिंह ने बताया, " इस उत्पाद पर अभी भी काम चल रहा है और वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि इसमें कोई ऐसा तत्व भी मिलाया जाए, जिसकी वजह से प्राकृतिक रूप से बिना टेंपरेचर कंट्रोल किए हुए ही इसे सामान्य वातावरण में सुरक्षित रखा जा सके. इसके लिए शुरुआती तौर पर उन्होंने पान के पत्ते का रस इस चिकन नगेट्स में मिलाया है. डॉ पीके सिंह का कहना है कि पान के अर्क में नेचुरल प्रिजर्वेटिव के गुण होते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में पान का रस मिलाने से चिकन नगेट्स का स्वाद बिगड़ सकता है."

पोटेशियम सॉल्ट का इस्तेमाल

डॉक्टर श्रेयाने बताया, " चिकन नगेट्स में उन्होंने सामान्य नमक की जगह पोटेशियम सॉल्ट का इस्तेमाल किया है. पोटेशियम सॉल्ट ब्लड प्रेशर के मामले में एक दवा का काम करता है. यूं तो चिकन नगेट्स को फ्राई करके भी खाया जा सकता है, लेकिन यदि चिकन नगेट्स को बिना फ्राई किए हुए इस्तेमाल किया जाता है, तो चिकन नगेट्स शरीर के लिए पूरी तरह पौष्टिक."

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