जबलपुर।शुक्रवारको जबलपुर का घंटाघर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच अखाड़ा बन गया. कांग्रेसी कार्यकर्ता राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ NEET एग्जाम और नर्सिंग घोटाले मामले में ज्ञापन देना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें घंटाघर के पास रोक लिया और इसकी वजह से दोनों आमने-सामने आ गए. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है. फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों के खिलाफ करवाई क्यों नहीं की गई.
कलेक्ट्रेट जाने की जिद कर रहे थे कांग्रेसी
एनएसयूआई के 200 से ज्यादा कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता कलेक्ट्रेट जाने की जिद कर रहे थे लेकिन कलेक्ट्रेट के आसपास धारा 144 लगे होने की वजह से इन्हें जबलपुर के घंटाघर के सामने रोक लिया गया. यहीं पर पुलिस और कांग्रेसी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. जिसकी वजह से पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा और वाटर कैनन के जरिए पानी डालकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को रोकना पड़ा. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह इस आंदोलन के नेता थे.
नर्सिंग घोटाले के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं
दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का आरोप है कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग में सरकार की मिलीभगत से बड़े घोटाले हो रहे हैं. जबलपुर के प्रीती नर्सिंग कॉलेज और कोठारी नर्सिंग कॉलेजों को जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी से मान्यता मिली थी. इन दोनों कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. नितिन सिंह का आरोप है "इन सभी कॉलेजों को पैसा लेकर मान्यता दी गई. अभी तक केवल कॉलेज की मान्यता पर और उन्हें बंद करने को लेकर बात चल रही है. जिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है."