तालिबानी सजा का वीडियो वायरल कर बुरे फंसे जीतू पटवारी, जबलपुर पुलिस करेगी बड़ी कार्रवाई
Jabalpur Police Will action on Jitu Patwari: पीसीसी चीफ जीतू पटवारी एक वीडियो वायरल कर बुरे फंस गए. दरअसल पटवारी ने बच्चों की पिटाई के वीडियो को मध्य प्रदेश के जबलपुर का बताकर वायरल किया था. अब इस मामले में जबलपुर पुलिस जीतू पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
जबलपुर। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चार बच्चों को हाथ बांधकर छड़ी से उनकी पिटाई की जा रही है. यह वीडियो भीम आर्मी के एक नेता ने पहले वायरल किया. जिसके बाद मध्य प्रदेश के नेताओं ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वायरल करना शुरू कर दिया और यह बताया गया कि यह वीडियो जबलपुर का है. लेकिन जबलपुर पुलिस का कहना है कि यह वीडियो जबलपुर का नहीं है. अब जिन लोगों ने भी इसे वायरल किया है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
जीतू पटवारी ने किया था फर्जी वीडियो वायरल
भीम आर्मी ने किया था वीडियो वायरल
महाराष्ट्र में भीम आर्मी की सदस्य नेहा शिंदे ने एक वीडियो वायरल किया था, जिसमें एक आदमी चार बच्चों को हाथ बांधकर छड़ी से बेरहमी से पीट रहा है और आसपास बहुत सारी जनता खड़ी हुई है. कुछ लोगों ने इस वीडियो को यह कहकर वायरल किया था कि इन बच्चों ने एक कुएं से पानी पी लिया था. इसके बाद दबंग लोगों ने इन बच्चों को पानी पीने की सजा दी है. इसी वीडियो को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर डालकर वायरल किया. जिसमें जीतू पटवारी ने कहा कि ''मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के आंखों का पानी सूख गया है क्या.''
जीतू पटवारी के खिलाफ कार्रवाई
जबलपुर जिले के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि ''उन्होंने इस वीडियो की तस्दीक की, पूरे जबलपुर के थानों में भेजकर इस बात की जानकारी ली है कि यह वीडियो जबलपुर के किस क्षेत्र का है. लेकिन जबलपुर पुलिस ने अपनी जानकारी में पाया कि यह वीडियो जबलपुर का नहीं है.'' सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि ''यदि इसके बाद भी कोई इसको जबलपुर का वीडियो प्रचारित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि इस मामले में जीतू पटवारी ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है इसलिए जबलपुर पुलिस जीतू पटवारी के खिलाफ भी कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है.''
पुलिस की जानकारी के अनुसार, यह वीडियो कहां का है यह भी अभी तय नहीं हो पाया है. इसमें जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह भी मध्य प्रदेश से मेल नहीं खाती. ऐसी स्थिति में जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोगों ने इसे कैसे वायरल किया. यह तुच्छ राजनीति को प्रदर्शित करता है. अब देखना यह होगा कि क्या जबलपुर पुलिस उच्च पदों पर बैठे हुए लोगों के खिलाफ कार्यवाही कर पाती है या नहीं.