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सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नए शिक्षकों को क्यों नहीं मिल रहा वेतन, लगा रहे फाइनेंस ऑफिस के चक्कर - UNIVERSITY TEACHERS SALARY ISSUE

सागर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चयनित नए शिक्षक पिछले 4 माह से बिना वेतन के अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

UNIVERSITY TEACHERS SALARY ISSUE
सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नए शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 3:45 PM IST

सागर: डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को भले ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हो, लेकिन यहां की वित्तीय व्यवस्थाएं अभी भी नहीं सुधर पा रही हैं. दरअसल इन दिनों सागर यूनिवर्सिटी में भर्ती प्रक्रिया चल रही है. अक्टूबर 2024 से चयनित शिक्षकों ने नियुक्ति मिलने पर ज्वाइनिंग दे दी. इसके बावजूद कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें अब तक वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है. ये शिक्षक 4-4 महीने से बिना वेतन के यूनिवर्सिटी में सेवाएं दे रहे हैं. नई नौकरी है, इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल खड़े करने से भी कतरा रहे हैं लेकिन बिना वेतन के नौकरी करने वाले शिक्षकों का सब्र अब जवाब देने लगा है.

वेतन के लिए शिक्षक काट रहे ऑफिस के चक्कर

सागर यूनिवर्सटी में चयनित करीब 50 से ज्यादा शिक्षक अपने वेतन के लिए वित्त कार्यालय के चक्कर काट काटकर परेशान हैं. इन शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी के अन्य शिक्षकों को अपनी पीढ़ा सुनाकर मदद मांगी है.

नए चयनित शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद दिए गए निर्देशों के तहत मेडिकल, एलपीसी, पुलिस वैरिफिकेशन, एफिडेविट, कांट्रैक्ट जैसी तमाम प्रक्रिया तय समय में पूरी कर दी थी. इसके बाद अभी तक वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में ये शिक्षक यूनिवर्सिटी के मैन ऑफिस और फाइनेंस ऑफिस के चक्कर काटने मजबूर हैं. इन शिक्षकों को पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिला है.

'शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच में लगता है समय'

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डाॅ विवेक जायसवाल कहते हैं कि "आमतौर पर ज्वाइनिंग के समय दस्तावेज निरीक्षण होता है. सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर ज्वाइनिंग लैटर जारी होता है और फिर वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है. चयनित शिक्षक अलग-अलग प्रदेशों और शहर के होते हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज अलग-अलग विश्वविद्यालय के होते हैं. कई लोगों के दस्तावेज तो विदेशी यूनिवर्सटी के होते हैं. इनकी सत्यता की जांच में कई बार समय लग जाता है. ऐसी स्थिति में वेतन में देरी हो सकती है. लेकिन चिंता करने की बात नहीं है, जिन लोगों का शुरूआती महीने का वेतन लंबित है, उन्हें एरियर के तौर पर भुगतान किया जाएगा."

सागर: डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को भले ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हो, लेकिन यहां की वित्तीय व्यवस्थाएं अभी भी नहीं सुधर पा रही हैं. दरअसल इन दिनों सागर यूनिवर्सिटी में भर्ती प्रक्रिया चल रही है. अक्टूबर 2024 से चयनित शिक्षकों ने नियुक्ति मिलने पर ज्वाइनिंग दे दी. इसके बावजूद कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें अब तक वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है. ये शिक्षक 4-4 महीने से बिना वेतन के यूनिवर्सिटी में सेवाएं दे रहे हैं. नई नौकरी है, इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल खड़े करने से भी कतरा रहे हैं लेकिन बिना वेतन के नौकरी करने वाले शिक्षकों का सब्र अब जवाब देने लगा है.

वेतन के लिए शिक्षक काट रहे ऑफिस के चक्कर

सागर यूनिवर्सटी में चयनित करीब 50 से ज्यादा शिक्षक अपने वेतन के लिए वित्त कार्यालय के चक्कर काट काटकर परेशान हैं. इन शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी के अन्य शिक्षकों को अपनी पीढ़ा सुनाकर मदद मांगी है.

नए चयनित शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद दिए गए निर्देशों के तहत मेडिकल, एलपीसी, पुलिस वैरिफिकेशन, एफिडेविट, कांट्रैक्ट जैसी तमाम प्रक्रिया तय समय में पूरी कर दी थी. इसके बाद अभी तक वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में ये शिक्षक यूनिवर्सिटी के मैन ऑफिस और फाइनेंस ऑफिस के चक्कर काटने मजबूर हैं. इन शिक्षकों को पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिला है.

'शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच में लगता है समय'

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डाॅ विवेक जायसवाल कहते हैं कि "आमतौर पर ज्वाइनिंग के समय दस्तावेज निरीक्षण होता है. सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर ज्वाइनिंग लैटर जारी होता है और फिर वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है. चयनित शिक्षक अलग-अलग प्रदेशों और शहर के होते हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज अलग-अलग विश्वविद्यालय के होते हैं. कई लोगों के दस्तावेज तो विदेशी यूनिवर्सटी के होते हैं. इनकी सत्यता की जांच में कई बार समय लग जाता है. ऐसी स्थिति में वेतन में देरी हो सकती है. लेकिन चिंता करने की बात नहीं है, जिन लोगों का शुरूआती महीने का वेतन लंबित है, उन्हें एरियर के तौर पर भुगतान किया जाएगा."

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