जबलपुर:सामान्य तौर पर आपने सामाजिक और धार्मिक संगठनों के ट्रस्टों के माध्यम से धर्मशालाओं, स्कूलों और अस्पतालों का संचालन देखा और सुना होगा लेकिन जबलपुर की एक धार्मिक संस्था सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए एक कोचिंग चलाती है. संस्था का दावा है कि 1992 से लेकर अब तक उनकी संस्था से देश की सर्वोच्च परीक्षा आईएएस में भी उनके पढ़ाये छात्र सफल हुए हैं. इसके अलावा दूसरी सरकारी नौकरियों में 300 से ज्यादा छात्र-छात्राएं नौकरी कर रहे हैं.
दिगंबर जैन प्रशासकीय शिक्षण संस्थान
जबलपुर में सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के पास पिसनहारी की एक मढ़िया है, यहां एक जैन मंदिर है. यह जैन मंदिर लगभग 500 साल पुराना बताया जाता है जिसे एक चक्की चलाने वाली महिला ने अपने जीवन की पूरी कमाई इकट्ठी करके बनाया था इसलिए इस मंदिर की बड़ी मान्यता है और दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. यही जैन मंदिर ट्रस्ट दिगंबर जैन प्रशासकीय शिक्षण संस्थान का संचालन करता है. इस संस्थान में सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.
आचार्य विद्यासागर जी की प्रेरणा से खुला संस्थान
जैन धर्म के लिए यह एक तीर्थ है और जैन धर्म के प्रमुख संत स्वर्गीय आचार्य विद्यासागर महाराज अक्सर यहां आते थे. आचार्य विद्यासागरजी ने ट्रस्ट के लोगों से उस दौरान कहा था कि सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. हम इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं इसलिए समाज को अपने स्तर पर अच्छे अधिकारी तैयार करने के लिए कोशिश करनी चाहिए. आचार्य विद्यासागर जी की बात को मानकर ट्रस्ट के लोगों ने 1992 में सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक संस्थान शुरू किया. इस संस्था का पूरा खर्चा ट्रस्ट उठाता है. ट्रस्ट बच्चों के रहने खाने और पढ़ाई की पूरी व्यवस्था करता है. देश भर से अच्छे शिक्षकों को यहां बुलाया जाता है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है.
300 से ज्यादा बने अधिकारी
संस्था के अधीक्षक मुकेश सिंघई बताते हैं कि "1992 से लेकर अब तक उनकी संस्था से 300 से ज्यादा परीक्षार्थी अलग-अलग परीक्षाओं में पास हुए हैं. यहां तक की आईएएस ऋषभ जैन भी जबलपुर की इसी संस्था से तैयारी करके निकले हैं. मध्य प्रदेश पीएससी की परीक्षा में तो कई छात्र-छात्राओं ने सफलता प्राप्त की है. इनमें से कई अधिकारियों को अब तो आईएएस रैंक भी मिल गई है.