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जबलपुर के अस्पताल अग्निकांड में 8 लोगों की मौत पर अब तक की कार्रवाई रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी - action taken report submit

Jabalpur Hospital Fire Case : जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में राज्य सरकार ने अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी. बता दें कि इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी.

Jabalpur Hospital Fire Case
जबलपुर अस्पताल अग्निकांड कार्रवाई की रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 3:45 PM IST

जबलपुर।जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से एक्शन टेकन रिपोर्ट मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पेश की गयी. सरकार ने बताया कि तत्कालीन सीएचएमओ के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक इंक्रीमेंट रोका गया है. अस्पताल का निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों की टीम के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है. हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने 8 लोगों की मौत पर एक इंक्रीमेंट रोकने की सजा को गंभीरता से लिया है.

मुख्य सचिव को निर्देश - हलफनामे के साथ जवाब दें

युगलपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वह सजा से संतुष्ट हैं. इस संबंध में हलफनामे के साथ जवाब पेश करें. बता दें कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विशाल बघेल, शैलेन्द्र बारी व अन्य की तरफ से दायर याचिका में जबलपुर में नियम विरुद्ध तरीके से प्राइवेट अस्पताल के संचालन की अनुमति प्रदान किये जाने को चुनौती दी गयी थी. याचिका में कहा गया था कि नियमों को ताक में रखकर संचालित न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्नि हादसे में 8 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी.

अस्पतालों को मनमाने तरीके से परमिशन दी

याचिका में कहा गया कि आपालकालीन द्वार नहीं होने के कारण लोग बाहर तक नहीं निकल पाये थे. कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गयी. जिन अस्पतालों को अनुमति दी गयी है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति दी गयी. बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति दे दी गई.

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एक्शन टेकन रिपोर्ट पर याचिकाकर्ताओं को आपत्ति

याचिकाकर्ताओं की तरफ से आपत्ति पेश करते हुए युगलपीठ को बताया गया कि एक्शन टेकन रिपोर्ट में एफआईआर की वर्तमान स्थिति के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी. इसके अलावा नियम विरुद्ध तरीके से अस्पताल संचालित करने की अनुमति देने वाले कितने अधिकारियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया, इसकी भी जानकारी नही है, किन अस्पतालों पर एक्शन लिया गया, इस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं है.

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