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लाउडस्पीकर पर फैसला नहीं कर पाए इस जिले के कलेक्टर, हाईकोर्ट ने फटकारा, मांगा जवाब - HC on loudspeaker controversy - HC ON LOUDSPEAKER CONTROVERSY

खंडवा में एक मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर को लगाने या हटाने की अनुमति देने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस पर फैसला ना ले पाने की वजह से हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है.

HC ON LOUDSPEAKER CONTROVERSY
खंडवा कलेक्टर को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 30, 2024, 8:14 AM IST

जबलपुर: हाईकोर्ट ने धार्मिक स्थलों के ऊपर लगे हुए लाउडस्पीकर को लगाने या हटाने की अनुमति पर फैसला ना ले पाने के मामले में खंडवा कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर को नोटिस जारी किए हैं और इन दोनों के ही खिलाफ कोर्ट का आदेश ना मानने का आरोप लगाया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने की बात कही गई थी. प्रदेश भर में इस आदेश के बाद कई धार्मिक स्थलों से स्पीकर हटाए भी गए थे.

खंडवा कलेक्टर को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार (ETV Bharat)

धार्मिक स्थलों से हटाए गए लाउडस्पीकर
मस्जिद कमेटी के वकील आर्यन उरमलियाके मुताबिक, इसी आदेश के तहत खंडवा में भी कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई की गई, लेकिन खंडवा के एक मस्जिद के संचालकों ने जिला कलेक्टर से कहा कि अजान के लिए स्पीकर लगाना जरूरी है, इसलिए लाउडस्पीकर लगा रहने दें. इस पर जिला कलेक्टर ने मस्जिद के संचालकों से कहा कि आप लिखित में आवेदन दीजिए इसके बाद इस विषय पर सोचा जाएगा.''

हाईकोर्ट ने दिए थे निराकरण के आदेश
इसके बाद मस्जिद के संचालकों ने कलेक्टर को लिखित में आवेदन दिया, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और इन्हें अपनी मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति भी नहीं दी गई. फिर मस्जिद के संचालकों ने इस मामले को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सामने रखा. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ में इसकी सुनवाई करते हुए मई में यह आदेश दिया था कि जिला प्रशासन मस्जिद कमेटी के आवेदन पर 30 दिन के अंदर निराकरण करें, लेकिन खंडवा कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर ने इस मामले में कोई निराकरण नहीं किया.

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अधिकारियों ने की हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना
इसके बाद मस्जिद कमेटी ने दोबारा हाईकोर्ट के आदेश को लेकर हाईकोर्ट में ही फिर से आवेदन लगाया, जिसमें हाईकोर्ट ने यह माना कि जिला कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर ने हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की है. इसके बाद कोर्ट ने जिला प्रशासन और कमिश्नर इंदौर से इस मामले में जवाब मांगा है. अब यह मुद्दा एक बार फिर बहस में है कि जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा. उसके पास दो ही विकल्प हैं या तो वह मस्जिद कमेटी के आवेदन को मानकर उन्हें लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति दे या फिर राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए लाउडस्पीकर न लगाने की बात कही जाए.

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