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इंडिया का नया ओरल कैंसर हॉट स्पॉट भोपाल, मुंह में तंबाकू दबाने की लत हुई जानलेवा - WORLD CANCER DAY 2025

ओरल कैंसर भोपालियों की जिंदगी लील रहा. देश के सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ओपी सिंह की रिसर्च में तंबाकू खाने पर बड़ा खुलासा.

WORLD CANCER DAY 2025
भोपाल बना ओरल कैंसर का नया हॉट स्पॉट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 4, 2025, 4:20 PM IST

Updated : Feb 4, 2025, 5:30 PM IST

WORLD CANCER DAY 2025: क्या इसे गर्दा और पर्दा के साथ जर्दा के लिए मशहूर होने का नतीजा कहा जाए. चाट कर चूना खा जाने वाले भोपाली और मुंह में मिनटों नहीं घंटों के लिए तम्बाकू दबा जाने वाले भोपाली अब देश में मूंह के कैंसर का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है. खास बात ये है कि पुराने भोपाल के हिस्से में मुंह के कैंसर के मरीज ज्यादा हैं. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ओपी सिंह ने बताया कि "लंबे समय तक जर्दा को मुंह में दबाए रखने की आदत जो है, उससे कैंसर के नए रोगी बढ़ रहे हैं. दूसरा भोपाल के पानी में चूना नहीं है. ये मानकर कई लोग चूने के कवर करने खैनी या तंबाकू खाते हैं और ओरल कैंसर के नए शिकार बन जाते हैं. मुंह के कैंसर के मामलों में हॉट स्पॉट के तौर पर आए भोपाल के अलावा इस मामले में दूसरे नंबर पर रीवा है.

भोपाल कैसे बन रहा है ओरल कैंसर का हॉट स्पॉट

मुंह के कैंसर के मरीजों के मामले में भोपाल तेजी से हॉट स्पॉट बनता जा रहा है. कैंसर के रजिस्टर्ड आंकड़े कहते हैं कि एक लाख आबादी पर कैंसर मरीज पुरुषों की संख्या 106 के करीब है. जिसमें बड़ा हिस्सा ओरल कैंसर के मरीजों का है. एक अनुमान में देखें तो शहर में हर छठवां व्यक्ति मुंह के कैंसर का मरीज है. डॉ ओपी सिंह ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं, "दिक्कत ये है कि जिस तादात में कैंसर मरीज बढ़ रहे हैं. उस हिसाब से ना कैंसर के चिकित्सक हैं और ना सुविधाएं हैं.

Dr OP Singh senior oncologist
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ओपी सिंह (ETV Bharat)

वे कहते हैं हर साल करीब 80 हजार नए कैंसर मरीज बढ़ रहे हैं. जाहिर है इनमें कुछ दवा से उपचार की स्टेज में होंगे. किसी को कीमो की जरूरत किसी को सर्जरी की, लेकिन उस हिसाब से मध्य प्रदेश में कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. जिस रफ्तार से पॉपुलेशन बढ़ रही है. जितनी छोटी उम्र से लड़के अब तंबाकू या पाउच खा रहे हैं. उसी हिसाब से मरीजों में कैंसर की वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकारी अस्पतालों को छोड़ दें और कुछ निजी अस्पतालों को तो डॉक्टरों की कमी है. कैंसर से निपटने ये सबसे बड़ी चुनौती है.

भोपाल में तंबाकू शौकीनों की आदत जो आफत बुलाती है

डॉ सिंह कहते हैं "भोपाल में तो ये स्थिति है कि लोग चूना चाटते हैं. कहा ये जाता है कि यहां के पानी में कैल्शियम नहीं है. चूना खाना उतना नुकसानदेह नहीं है. लेकिन चूना को कवर करने के लिए तंबाकू का शौक पाल लेते हैं. खैनी मिलाकर चूना खाते हैं और फिर लत लग जाती है. ये घातक है. वे बताते हैं कि और सबसे बुरी आदत ये है कि तंबाकू को मुंह के नीचे दबाकर रखना, कई तो मुंह में तंबाकू दबाए सो जाते हैं. ये आदत मुसीबत बनती है. इसी से कैंसर का खतरा बढ़ता है. असल में जब आप तंबाकू खाने के बाद तुरंत उसे थूक देते हैं. पहला जो थूक निकलता है, उसमें सबसे ज्यादा कॉम्पोनेंट निकल जाते हैं, लेकिन अगर आपने उसे ही मुंह में रख लिया तो वो नुकसान करता है.

लक्षण जो बताते हैं अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए

मुंह के कैंसर के लक्षण क्या होते हैं. कैसे पता चलता है कि अब स्थिति गंभीर हो गई है. डॉ सिंह बताते हैं ये कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं. जिनसे आप जान सकते हैं कि आपकी शुरुआत हो चुकी है, हालांकि इनमें से कुछ मामले में स्थिति संभाली भी जा सकती है.

  1. मुंह के भीतर से स्वाद धीरे-धीरे गायब होने लगता है.
  2. मुंह में गाल के अंदरुनी हिस्से में छाले आ जाते हैं.
  3. ये छाले सफेद और लाल रंग के हो सकते हैं.
  4. सबसे ज्यादा चिंताजनक है, जब आपका मुंह खुलना बंद हो जाए.
  5. कई बार जीभ पर भी घाव दिखाई देने लगते हैं.
  6. शरीर ये वार्निंग साइन देता है कि अब आपको रुक जाना चाहिए.

WORLD CANCER DAY 2025: क्या इसे गर्दा और पर्दा के साथ जर्दा के लिए मशहूर होने का नतीजा कहा जाए. चाट कर चूना खा जाने वाले भोपाली और मुंह में मिनटों नहीं घंटों के लिए तम्बाकू दबा जाने वाले भोपाली अब देश में मूंह के कैंसर का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है. खास बात ये है कि पुराने भोपाल के हिस्से में मुंह के कैंसर के मरीज ज्यादा हैं. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ओपी सिंह ने बताया कि "लंबे समय तक जर्दा को मुंह में दबाए रखने की आदत जो है, उससे कैंसर के नए रोगी बढ़ रहे हैं. दूसरा भोपाल के पानी में चूना नहीं है. ये मानकर कई लोग चूने के कवर करने खैनी या तंबाकू खाते हैं और ओरल कैंसर के नए शिकार बन जाते हैं. मुंह के कैंसर के मामलों में हॉट स्पॉट के तौर पर आए भोपाल के अलावा इस मामले में दूसरे नंबर पर रीवा है.

भोपाल कैसे बन रहा है ओरल कैंसर का हॉट स्पॉट

मुंह के कैंसर के मरीजों के मामले में भोपाल तेजी से हॉट स्पॉट बनता जा रहा है. कैंसर के रजिस्टर्ड आंकड़े कहते हैं कि एक लाख आबादी पर कैंसर मरीज पुरुषों की संख्या 106 के करीब है. जिसमें बड़ा हिस्सा ओरल कैंसर के मरीजों का है. एक अनुमान में देखें तो शहर में हर छठवां व्यक्ति मुंह के कैंसर का मरीज है. डॉ ओपी सिंह ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं, "दिक्कत ये है कि जिस तादात में कैंसर मरीज बढ़ रहे हैं. उस हिसाब से ना कैंसर के चिकित्सक हैं और ना सुविधाएं हैं.

Dr OP Singh senior oncologist
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ओपी सिंह (ETV Bharat)

वे कहते हैं हर साल करीब 80 हजार नए कैंसर मरीज बढ़ रहे हैं. जाहिर है इनमें कुछ दवा से उपचार की स्टेज में होंगे. किसी को कीमो की जरूरत किसी को सर्जरी की, लेकिन उस हिसाब से मध्य प्रदेश में कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. जिस रफ्तार से पॉपुलेशन बढ़ रही है. जितनी छोटी उम्र से लड़के अब तंबाकू या पाउच खा रहे हैं. उसी हिसाब से मरीजों में कैंसर की वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकारी अस्पतालों को छोड़ दें और कुछ निजी अस्पतालों को तो डॉक्टरों की कमी है. कैंसर से निपटने ये सबसे बड़ी चुनौती है.

भोपाल में तंबाकू शौकीनों की आदत जो आफत बुलाती है

डॉ सिंह कहते हैं "भोपाल में तो ये स्थिति है कि लोग चूना चाटते हैं. कहा ये जाता है कि यहां के पानी में कैल्शियम नहीं है. चूना खाना उतना नुकसानदेह नहीं है. लेकिन चूना को कवर करने के लिए तंबाकू का शौक पाल लेते हैं. खैनी मिलाकर चूना खाते हैं और फिर लत लग जाती है. ये घातक है. वे बताते हैं कि और सबसे बुरी आदत ये है कि तंबाकू को मुंह के नीचे दबाकर रखना, कई तो मुंह में तंबाकू दबाए सो जाते हैं. ये आदत मुसीबत बनती है. इसी से कैंसर का खतरा बढ़ता है. असल में जब आप तंबाकू खाने के बाद तुरंत उसे थूक देते हैं. पहला जो थूक निकलता है, उसमें सबसे ज्यादा कॉम्पोनेंट निकल जाते हैं, लेकिन अगर आपने उसे ही मुंह में रख लिया तो वो नुकसान करता है.

लक्षण जो बताते हैं अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए

मुंह के कैंसर के लक्षण क्या होते हैं. कैसे पता चलता है कि अब स्थिति गंभीर हो गई है. डॉ सिंह बताते हैं ये कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं. जिनसे आप जान सकते हैं कि आपकी शुरुआत हो चुकी है, हालांकि इनमें से कुछ मामले में स्थिति संभाली भी जा सकती है.

  1. मुंह के भीतर से स्वाद धीरे-धीरे गायब होने लगता है.
  2. मुंह में गाल के अंदरुनी हिस्से में छाले आ जाते हैं.
  3. ये छाले सफेद और लाल रंग के हो सकते हैं.
  4. सबसे ज्यादा चिंताजनक है, जब आपका मुंह खुलना बंद हो जाए.
  5. कई बार जीभ पर भी घाव दिखाई देने लगते हैं.
  6. शरीर ये वार्निंग साइन देता है कि अब आपको रुक जाना चाहिए.
Last Updated : Feb 4, 2025, 5:30 PM IST
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