JABALPUR FARMER EARN FROM ANJEER:मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक बगीचे में हाइब्रिड अंजीर के फल साल में दो बार आते हैं. इसके फल बड़े स्वस्थ और सुंदर हैं और हाइब्रिड अंजीर साल में दो बार उत्पादन दे रहा है. सामान्य तौर पर जबलपुर के आसपास अंजीर की खेती नहीं होती, लेकिन जिस तरह के फल इस अंजीर के पेड़ में देखने को मिल रहे हैं, उसे यह स्पष्ट है कि यदि इस इलाके में अंजीर के पेड़ लगाते हैं, तो उन्हें एक नई कैश क्रॉप मिलेगी. जिससे वह अच्छा खासा उत्पादन कमा सकते हैं.
तुर्किस्तान में पाए गए थे अंजीर
अंजीर के बारे में कहा जाता है कि इसके पौधे उत्तर भारत से तुर्किस्तान के बीच में पाए गए थे. इस इलाके में अंजीर सामान्य परिस्थितियों में उगाया जा सकता है. अभी भी पाकिस्तान से लेकर यूनान तक अंजीर को उगाया जाता है. यहां अंजीर की चार वैरायटी हैं. भारत में भी बड़े पैमाने पर अंजीर आयात किया जाता है, लेकिन अब भारत में भी कई इलाकों में अंजीर की खेती होने लगी है, लेकिन अभी भी अंजीर मध्य प्रदेश में नहीं उगाया जा रहा है.
जबलपुर किसान ने लगाए अंजीर के 1 दर्जन पेड़
जबलपुर के प्रयोग धर्मी किसान संकल्प सिंह परिहार के बगीचे में अंजीर के एक दर्जन से ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं. इनकी उम्र लगभग 5 वर्ष हो गई है. यह हाइब्रिड किस्म के अंजीर हैं और अब इनमें भरपूर उत्पादन आ रहा है. अविनाश परिहार बताते हैं कि उनके अंजीर के पेड़ों में साल में दो बार फल आते हैं. इसकी मुख्य फसल ठंड में आती है, लेकिन यह गर्मी में भी एक बार फसल देता है और इस समय भी अंजीर के पेड़ फलों से लदे हुए हैं. हमने जिस पेड़ को देखा उसमें एक क्विंटल के करीब अंजीर लगा हुआ था. अविनाश का कहना है कि अंजीर को पकाने की एक विधि है. उनके बगीचे में यह पेड़ व्यावसायिक खेती के लिए नहीं लगाए गए थे. उन्होंने सिर्फ तजुर्बे के लिए इन पौधों को लगाया था, लेकिन इनके उत्पादन को देखकर ऐसा लगता है कि उनकी व्यावसायिक खेती की जा सकती है.
1 एकड़ में कितना उत्पादन देगी
इस बगीचे में जो अंजीर लगे हैं. उनके पेड़ काफी बड़े हो गए हैं और इन्हें लगभग 400 वर्ग फीट की जगह लगती है. इस तरह यदि एक एकड़ का अनुमान लगाया जाए तो एक एकड़ में अंजीर के 100 पेड़ लगाए जा सकते हैं. जिस तरह का उत्पादन इन पेड़ों में देखने को मिल रहा है, 1 एकड़ में अंजीरों का अच्छा खासा उत्पादन लिया जा सकता है, क्योंकि यह पेड़ अंजीरों से लदा हुआ है. यदि इसको सुखाकर अंजीर बनाई भी जाती है, तो एक पेड़ से ही एक सीजन में 10 किलो तक अंजीर निकला जा सकते हैं और इसमें साल में दो सीजन में अंजीर लगते हैं.
अंजीर का पका फल भी खाया जाता है
हालांकि इस बगीचे में अंजीरों को सूखाया नहीं जाता. अविनाश कहते हैं कि 'वे अंजीर को पेड़ पर ही पक जाने देते हैं. वह पका हुआ फल ही खा लेते हैं. उन्हें ड्राई फ्रूट्स नहीं बनाते, लेकिन यदि इसको ड्राई फ्रूट बनाया जाए तो इसके लिए इसे पहले पकाना होता है. बाद में इसे काफी दिनों तक धूप में सुखना पड़ता है. तब जाकर यह बाजार में बिकने जैसी स्थिति का अंजीर बन पाता है.