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74 साल के बुजुर्ग ने निकाला तस्करी का अनोखा तरीका, जीप मॉडिफाई करवा कर गांजे की करता था स्मगलिंग

Jabalpur Crime: जबलपुर में 74 साल का बुजुर्ग गांजे की तस्करी करते पकड़ा गया है. दमोह का रहने वाला ये बुजुर्ग जीप को मॉडिफाई करवा कर उसकी छत पर गांजा रखकर तस्करी करता था. आरोपी के पास से 56 किलो गांजा मिला है.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 2:19 PM IST

Jabalpur Smuggling of Ganja
जबलपुर में जीप मॉडिफाई करवा कर गांजे की तस्करी

जबलपुर में जीप मॉडिफाई करवा कर गांजे की तस्करी

जबलपुर। जबलपुर में 74 साल का बुजुर्ग अनोखे तरीके से गांजे की तस्करी करते हुए पकड़ा गया है. दमोह के रहने वाले गजराज सिंह को पुलिस ने 11 लाख रुपए की कीमत का 56 किलो गांजे के साथ हिरासत में लिया है. गजराज सिंह ने गांजे की तस्करी के लिए बोलेरो जीप की पूरी छत को खोल दिया था और इसके बीच में गाजे को छुपाने की जगह बनाई थी.

जीप की छत में छिपाया था करीब 11 लाख रुपए का गांजा

जबलपुर में क्राइम ब्रांच और खितौला थाने की पुलिस ने मिलकर एक बोलेरो गाड़ी जप्त की है. इस गाड़ी से 56 किलो 236 ग्राम गांजा बरामद किया गया है. जिस तरीके से यह गांजा इस गाड़ी में रखा गया था वह बहुत ही चौंकाने वाला है. तस्करों ने बोलेरो जीप की पूरी छत काट दी थी और छत के नीचे गांजा छुपाने की जगह बनाई थी. पुलिस को मुखबिर के जरिए यह सूचना मिली थी पुलिस ने गाड़ी रोकी और जब छत उठाया तो पुलिस यह देखकर दंग रह गई कि इसमें लगभग सवा 11 लाख रुपए का गांजा रखा हुआ था.

74 वर्ष का बुजुर्ग कर रहा था गांजे की तस्करी

दूसरी चौंकाने वाली बात यह है कि इस गांजे के साथ जिस गांजा तस्कर को क्राइम ब्रांच और पुलिस ने हिरासत में लिया है उसकी उम्र 74 वर्ष है और उसका नाम गजराज सिंह है. पूछताछ में गजराज ने बताया कि वह दमोह की लालपुर थाना जबेरा का रहने वाला है और पहले भी एक बार गांजे की तस्करी के आरोप में पकड़ जा चुका है.

गजराज सिंह के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रावधानों के तहत होगी कार्यवाही

गजराज सिंह को पान उमरिया के पास पुलिस ने घेराबंदी करके हिरासत में लिया. जब पुलिस ने उसकी बुलेरो गाड़ी (नंबर एमपी 20 बीए 1297) की तलाशी ली तो वाहन की छत के नट आधे खुले मिले. नटों को खोलकर छत की चादर को उठाया गया तो छत के नीचे भूरे रंगे के सैलो टेप से टेपिंग किये हुये पैकेट छोटे बड़े 35 नग रखे मिले. जिन्हें खोलकर देखने पर अवैध मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया. तौल करने पर पैकटों में कुल 56 किलो 236 ग्राम गांजा मिला जिसकी कीमत लगभग सवा ग्यारह लाख रूपये का होना पाया गया.

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गजराज ने जिस तरीके से अपनी जीप को मॉडिफाई करवाया था उससे इस बात का अंदाजा लगा पाना बड़ा कठिन है कि वह कब से इस काम को कर रहा है और उसने न जाने कितना गांजा बेच दिया होगा. गांजे का नशा शराब के बाद दूसरा सबसे बड़ा नशा है, जो ग्रामीण परिवेश और कम आय वर्ग के लोगों में ज्यादा प्रचलित है और इस नशे की वजह से कई लोग बर्बाद हो रहे हैं क्योंकि गांजा शरीर को कमजोर कर देता है और नशे के आदि लोग नशे के लिए अपराध करने तक से नहीं चूकते.

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