जयपुर:राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल शुरू के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने भजनलाल सरकार पर अपने ही मंत्री के फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए सदन में काली पट्टी बांध कर विरोध किया. विपक्ष वेल में आकर 'मुख्यमंत्री इस्तीफा दो' के नारे लगाए.
दरअसल, सुबह 11 बजने के साथ जैसे ही विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई, विपक्ष काली पट्टी बांध कर सदन में पहुंचा. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक कैबिनेट मंत्री खुद कह रहे हैं कि उनका फोन टैप हो रहा है. अपने ही मंत्री का फोन टैप सरकार करा रही है. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री इस्तीफा दें. जूली की इस मांग पर सत्ता पक्ष की ओर संसदीय कार्यमंत्री जोगेश्वर गर्ग खड़े हुए और कहा कि कांग्रेस के साथी किस मुंह से ये सवाल उठा रहे है. 'सौ-सौ चूहे खा कर हज पर जा रहे हो' अपनी सरकार के मंत्रियों का फोन टैप करने का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुआ है. हमारी सरकार इस तरह के काम नहीं करती है.
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इसके बाद सत्ता पक्ष के और भी मंत्री खड़े हो गए और उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया. विपक्ष के सदस्य मुख्यमंत्री इस्तीफा दो के नारे लगाते हुए वेल में आगे और जमकर हंगामा किया. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कई बार विपक्ष से कहा कि प्रश्नकाल के दौरान कार्रवाई को बाधित करना ठीक नहीं है. यह जनता के अधिकारों का हनन है. विपक्ष को प्रश्नकाल में सहयोग करना चाहिए, लेकिन बावजूद इसके विपक्ष का हंगामा लगातार जारी रहा. नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रखी और सवाल-जवाब हुए.
शून्यकाल में भी हंगामा :इसके बाद शून्यकाल के दौरान भी कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग करते रहे. विधानसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल की कार्रवाई को जारी रखा, बावजूद इसके कि कांग्रेस के विधायकों द्वारा हंगामा जारी था. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन के लिए कांग्रेस के विधायकों के नाम भी पुकारे, लेकिन हंगामा नहीं थमा. करीब 25 मिनट तक शून्यकाल चलता रहा, जिसमें भाजपा के विधायकों ने अपने प्रस्ताव पढ़े और मुद्दे उठाए, लेकिन कांग्रेस के विधायक चुप नहीं हुए और शोर मचाते रहे. प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली को स्पीकर ने कार्रवाई की चेतावनी दी, लेकिन कांग्रेस के विधायक नहीं माने और वे वैल में आकर नारेबाजी करने लगे. भाजपा के सदस्य अपनी बात रखते रहे, लेकिन कांग्रेस शांत नहीं हुई. अंत में स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी.
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रघुपति राघव राजा राम की धुन :इस हंगामे के बीच कांग्रेस के सदस्यों ने वैल में आकर "रघुपति राघव राजा राम" की धुन गानी शुरू कर दी. स्पीकर ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि रघुपति राघव राजा राम के नाम का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोतम थे. उन्होंने सभी से सदन की मर्यादा का पालन करने और अपनी सीटों पर वापस जाने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा. सत्ता पक्ष के सदस्य कार्यवाही को जारी रखने की कोशिश करते रहे, लेकिन अंततः विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.
किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप !दरअसल, विपक्ष ने किरोड़ी मीणा के उस बयान को कोट करते हुए हंगामा किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार मेरा फोन टैप करवा रही है. उनके इस बयान को विपक्ष मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुटी रही. बता दें कि भजनलाल सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. लंबे समय तक उन्होंने मंत्री पद का कामकाज भी नहीं संभाला था, लेकिन राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान मामला सामान्य हुआ और मीणा ने विभाग का कामकाज संभाला. कुछ दिन सामान्य निकले ही थे कि जैसे ही विधानसभा सत्र शुरू हो गया. इस दौरान किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही से छुट्टी मांग कर एक बार फिर विवाद को नया मोड़ दे दिया था. मीणा विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं और इस बीच उनका यह बयान सामने आया कि सरकार उनका फोन टैप कर रही है.
हंगामे के बीच सवाल-जवाब का दौर :राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की ओर से हंगामे के बीच अध्यक्ष वासुदेव देवनवनी ने प्रश्नकाल शुरू किया. प्रश्नकाल के दौरान चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक चन्द्रभान सिंह ने स्कूलों में रिक्त पदों को लेकर सवाल उठाया, जिसका जवाब शिक्षा मंत्री दिलावर ने दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने हिंदी विद्यालय बंद कर अंग्रेजी विद्यालय खोले थे, जिसके कारण स्कूलों में कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा.
इसके बाद, भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने जयपुर शहर में अवैध वाहनों के संचालन पर सवाल उठाया. परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि यातायात दबाव के चलते अतिरिक्त पुलिस व्यवस्था की जाती है और समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है. हालांकि, विधायक ने इस मुद्दे को और उठाते हुए विभागों के नाम प्लेट लगी गाड़ियों पर कार्रवाई के सवाल किए, जिस पर मंत्री ने कहा कि इन मामलों में निरंतर काम हो रहा है और आगे भी बढ़ोतरी की जाएगी.
अंत में, भाजपा विधायक कालीचरण ने प्रदेश की सहकारी समितियों में हुए घोटालों पर सवाल पूछा, जिस पर मंत्री गौतम कुमार ने बताया कि 519 प्रकरणों में कार्रवाई की गई है, जबकि 273 मामलों में कार्रवाई जारी है. इसके अलावा, 10 अधिकारियों को निलंबित किया गया है और कई मामलों में अभियोजन स्वीकृति भी दी गई है.