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लाखों की लागत से हो रहे तालाब जीर्णोद्धार कार्य में बरती जा रही अनियमितता, लोग लगा रहे भ्रष्टाचार का आरोप - Irregularities in pond renovation - IRREGULARITIES IN POND RENOVATION

Irregularities in pond renovation. सिमडेगा में करीब 41 लाख 22 हजार रुपये की लागत से दो तालाबों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम दो साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. काम में हो रही देरी से लोग परेशान हैं. लोग इस योजना में भ्रष्टाचार की भी बात कर रहे हैं.

Irregularities in pond renovation
तालाब का अधूरा कार्य (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 3, 2024, 12:38 PM IST

सिमडेगा:आम आदमी अगर होल्डिंग टैक्स, दुकान किराया, पानी बिल समय पर नहीं भरता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है. लेकिन अगर कोई ठेकेदार तय समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं करता है तो विभाग चुप्पी साधकर उसका साथ देता है. कोई कार्रवाई नहीं होती, जांच का हवाला देकर काम पूरा होने तक टाल दिया जाता है. नियम-शर्तों की बड़ी-बड़ी बातें सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं. हकीकत में अंत तक कार्रवाई शून्य ही पाई जाती है. अगर तय समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं हुआ तो योजना की स्थिति क्या होगी. इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. ऐसी ही एक योजना में देरी का मामला सिमडेगा से सामने आया है.

नगर प्रशासक सुमित कुमार महतो ने जांच की कही बात (ईटीवी भारत)

नगर परिषद सिमडेगा को 41,22,500 रुपए की लागत से शहर के ऑफिसर्स कॉलोनी के पास दो सरकारी तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य करना है. यह कार्य योजना वर्ष 2021-22 की है. लेकिन करीब दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी यह कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

इस योजना के तहत तालाब का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, तालाब किनारे सड़क पर पीसीसी पथ, बैठने के लिए सीढ़ीनुमा कंक्रीट स्ट्रक्चर, रोशनी के लिए सोलर हाई मास्ट लाइट लगाना है. जिसमें से एक तालाब का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण आदि कार्य 24,11,900 रुपये की लागत से तथा दूसरे का 17,10,600 रुपये की लागत से किया जाना है.

आम लोगों की मानें तो दोनों तालाबों में मिट्टी की खुदाई योजना के अनुसार नहीं की गई है. पहले तालाब की ही खुदाई 8,59,140 रुपये की लागत से होनी है. जबकि तालाब के किनारे टहलने के लिए बनने वाले पीसीसी पथ, रेलिंग आदि का निर्माण 6,32,620 रुपये की लागत से तथा लाइट की उपलब्धता के लिए सोलर हाई मास्ट लाइट 9,20,141 रुपये की लागत से लगाया जाना है.

स्थानीय सुनीता देवी का कहना है कि दूसरे तालाब में भी खुदाई कार्य होना है, बैठने के लिए पेवर ब्लॉक व सीढ़ीनुमा कंक्रीट संरचना का कार्य होना है, यहां भी स्थिति वही है. योजना का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है.

मनोज कुमार का कहना है कि 24,11,900 रुपए की लागत से हो रहे तालाब के किनारे बन रहे पीसीसी कार्य में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. मामला प्रकाश में आने पर पॉलिश लगाकर उसे ढकने का काम किया जा रहा है. ताकि बिल बनाने में दिक्कत न हो. एक बार पैसा निकल जाए तो कुछ महीने बाद मरम्मत के नाम पर फिर से टेंडर कर दिया जाएगा.

आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि आम लोगों के बैठने के लिए बने सीढ़ीनुमा कंक्रीट स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य भी अधूरा है. सोलर हाई मास्ट लाइट का काम भी योजना के अनुसार नहीं हुआ है. सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार आम बात हो गई है. लेकिन अब समय सीमा का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. ऐसे में क्या सारे नियम-कायदे सिर्फ आम लोगों के लिए हैं, ठेकेदारों के लिए कुछ नहीं?

इस संबंध में नगर प्रशासक सुमित कुमार महतो खुद मानते हैं कि निर्माण कार्य अभी अधूरा है. हालांकि उन्होंने कहा कि जांच टीम गठित कर दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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