श्रीनगरःहेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय जन्तु विज्ञान विभाग में कार्यरत एवं शिक्षक संघ के सचिव प्रोफेसर राजेंद्र सिंह फर्त्याल को जापान के क्योटो शहर में आयोजित होने वाले एंटोमोलॉजी (कीट विज्ञान) की अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस (International Congress of Entomology)-2024 में अपना शोधकार्य प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह आईसीई 25 अगस्त से 30 अगस्त 2024 तक चलेगी. जिसमें विश्वभर के लगभग 2500 एंटोमोलॉजिस्ट (कीटविज्ञानशास्री) प्रतिभाग करेंगे.
इस बार ईसीई का विषय 'सामंजस्य के माध्यम से नई खोज' है और ईसीई का सचिवालय ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर, क्योटो विश्वविद्यालय क्योटो में बनाया गया है. प्रोफेसर फर्त्याल अपना शोधकार्य 'इंडियन ड्रोसोफिलिड टैक्सोनॉमी' यानी टैक्सोनॉमी को बचाने की दिशा में बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना और ज्यादा से ज्यादा टैक्सोनोमिस्ट को कैसे प्रोत्साहन किया जा सकता है, उसपर अपना शोधकार्य प्रस्तुत करेंगे.
ये उपलब्धियां की हासिल: उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रोफेसर फर्त्याल कीट विज्ञान के वर्गीकरण में विश्व स्तर पर चल रही शोधकार्यों के लिए 2009 में तीन महीने के लिए विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में निम्न तापमान विज्ञान संस्थान होक्काइडो विश्वविद्यालय साप्पोरो जापान में प्रोफेसर एमजे टोडा के साथ कार्य कर चुके हैं. उसके बाद 2014 में वितरित यूरोपियन स्कूल ऑफ टैक्सोनॉमी फ्रांस पेरिस में एक सप्ताह की वर्गीकरण कार्यशाला में प्रतिभाग कर चुके हैं. मई 2019 में उनके कीट विज्ञान में उल्लेखनीय कार्य के लिए रॉयल एंटोमोलॉजिकल सोसायटी लंदन की फेलो (एफआरईएस) से नवाजा गया. अगस्त 2019 में 'एंटो-19' अतंरराष्ट्रीय संगोष्ठी लंदन में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने हिमालय क्षेत्र में फल मक्खियां की विभिन्न प्रजातियों के बारे में अपना व्याख्यान दिया.
प्रोफेसर फर्त्याल अभी तक लगभग 50 शोध पत्र और 5 पुस्तक अध्याय प्रकाशित कर चुके हैं. और लगभग 9 शोधार्थियों को शोध कार्य करा चुके है. उन्होंने बताया कि भारतीय एवं जापानी फल मक्खियां के अध्ययन में अपना शोधकार्य को कैसे सामंजस्य स्थापित हो सकता है? इसके लिए होक्काइडो विश्वविद्यालय साप्पोरो में 31 अगस्त और 2 सितंबर को भारत-जापान द्विपक्षीय सहयोग अनुसंधान कार्य के संबंध में प्रोफेसर टोरू के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे. और अनुसंधान सहयोग कार्यक्रम आगे कैसे बढ़ाएं उस पर परिचर्चा करेंगे.
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