प्रयागराजः बाहुबली माफिया अतीक अहमद के गुर्गे अब्दुल कवि का कौशाम्बी पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने के साथ ही सालों तक उसे रिनिवल नवीनीकरण भी किया जाता रहा है. माफिया अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ प्रयागराज पुलिस की कार्रवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ. जिसके बाद कौशांबी पुलिस ने जांच शुरू की. बाद में शासन ने जांच एन्टी करप्शन विभाग को सौंप दिया. जिसके बाद प्रयागराज की एंटी करप्शन यूनिट ने अतीक अहमद के गुर्गे रहे अब्दुल कवि के शस्त्र लाइसेंस जारी होने के मामले में कौशांबी जिले के चौकी इंचार्ज से लेकर थानेदार और सीओ तक की भूमिका की जांच कर रही है.
अतीक अहमद के गुर्गे अब्दुल कवि का शस्त्र लाइंसेंस जारी होने की जांच शुरू, एंटी करप्शन टीम पहुंची कौशांबी - Pryagraj News - PRYAGRAJ NEWS
तीक अहमद के गुर्गे अब्दुल कवि को जारी शस्त्र लाइसेंस की जांच अब प्रयागराज की एंटी करप्शन यूनिट जांच शुरू कर दी है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 1, 2024, 6:23 PM IST
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के गुर्गे अब्दुल कवि के खिलाफ कौशांबी पुलिस ने जांच शुरू की थी. तलाशी में उसके घर से अवैध असलहों के साथ ही वैध असलहा भी बरामद हुआ था. जिसके बाद पुलिस का दबाव बढ़ा तो उसने सरेंडर कर दिया. फिर पुलिस की पूछताछ में उसने लाइसेंसी असलहे से जुड़ी जानकारी भी कौशाम्बी पुलिस को दी. जिसके बाद माफिया के गुर्गे का शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने को लेकर सवाल उठने लगे तो पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. इसके बाद शासन के निर्देश पर पुलिस ने मामले की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन एंटी करप्शन यूनिट को जांच सौप दी गयी. एंटी करप्शन की टीम अब इस मामले में यह जांच कर रही है कि किस स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत करके माफिया के गुर्गे के नाम से कैसे असलहे का लाइसेंस जारी कर दिया गया. एंटी करप्शन यूनिट लाइसेंस जारी करने के समय कौशांबी के संदीपन घाट के थानेदार, हर्रायपुर के चौकी इंचार्ज और क्षेत्र के सीओ के भूमिका की जांच शुरू कर दी गयी है. एंटी करप्शन यूनिट यह भी पता कर रही है माफिया के गुर्गे का लाइसेंस जारी करने में पुलिस वालों से चूक हुई है या फिर मिलीभगत करके लाइसेंस जारी किया गया है. एंटी करप्शन यूनिट की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राजू पाल हत्याकांड में सीबीआई ने जोड़ा था अब्दुल कवि का नाम
25 जनवरी 2005 को हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मामले में अतीक अशरफ समेत अन्य आरोपियों के साथ ही सीबीआई ने अब्दुल कवि का नाम भी जोड़ दिया था. अब्दुल कवि पर आरोप था कि उसने भी राजू पाल हत्याकांड में भी अब्दुल कवि शामिल था. घटना के दौरान उसे गोली भी लगी थी जिसका इलाज भी अतीक अहमद ने ही निजी हॉस्पिटल में करवाया था. 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल हत्याकांड के बाद विधयाक पूजा पाल ने अब्दुल कवि की शिकायत कौशांबी पुलिस से की थी.