मेरठ : पैरालंपिक खिलाड़ी प्रीति पाल (पैरा-एथलेटिक्स) को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू अर्जुन अवार्ड देकर सम्मानित करेंगी. दो मेडल जीतकर नाम रोशन करने वाली प्रीति पाल का कहना है कि वह सरकार के निर्णय से खुश हैं. वह सरकार से आग्रह करना चाहती हैं कि अर्जुन अवार्ड तो जल्द ही मिलने वाला है, हो सके तो उनके घर तक की सड़क भी बनवा दिया जाए. सड़क काफी खराब है. खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह मांग रखी.
कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास : बीते साल पेरिस पैरालंपिक में पैरा खिलाड़ी धावक प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी35 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. पैरालंपिक और ओलंपिक दोनों आयोजनों में ट्रैक एंड फील्ड में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं. गुरुवार को खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी है. प्रीतिपाल को भी सरकार अर्जुन अवार्ड से नवाजेगी.
बचपन से ही रहा है संघर्ष भरा जीवन : प्रीति पाल मूल रूप से पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के हाशिमपुर गांव की रहने वाली हैं. वह बताती हैं कि माता-पिता गांव में रहते हैं, पिता दूध की डेयरी गांव में चलाते हैं. वह बचपन से ही समस्याओं के साथ पली बढ़ी हैं. उन्होंने हमेशा यही विचार किया कि उन्हें कुछ करना है. पैरा गेम्स के बारे में जाना, इंस्टाग्राम से जानकारी जुटाई. किसी ने बताया कि कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. वह घरवालों को मनाकर वहां जाने लगीं. वह बताती हैं कि सन 2018 में उन्होंने खेल में अधिक मेहनत की, लोगों ने खूब खिल्ली भी उड़ाई लेकिन वह ठान चुकी थीं कि अब रुकना नहीं है.
दोनों प्रतियोगिताओं में जीता गोल्ड मेडल : वह बताती हैं कि दो प्रतियोगिताओं में वह एक बार दोनों गोल्ड मेडल जीत गईं. वह पीएम मोदी और सीएम योगी का धन्यवाद करना चाहती हैं, जिन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया है. उन्होंने घर में तब नहीं बताया जिसके बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा, उन्हें अच्छे कोच मिले, जिस वजह से वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं. प्रीति ने वर्तमान में एमबीए में एडमिशन लिया है, जबकि उनका छोटा भाई अनिकेत एमसीए कर रहा है. सबसे छोटा भाई विवेक बीसीए कर रहा है. प्रीति दूसरे नंबर की हैं, प्रीति की बड़ी बहन नेहा हैं. परिवार का पूरा सपोर्ट मिल रहा है.
सरकार से सड़क बनवाने की अपील : प्रीति पाल ईटीवी भारत से बातचीत में कहती हैं कि सरकार जब इतना कर रही है तो उनके घर तक की खराब सड़क को भी बनवा दें. उनके आसपास के सभी लोग आकर उनसे कहते हैं कि तुम तो खिलाड़ी हो अच्छा प्रदर्शन किया है, अब सड़क तो घर तक सही होनी चाहिए.
प्रीति पाल की दादी मां सरोज कहना है कि वह अपनी पोती की कामयाबी से काफी खुश हैं. सभी के बच्चे ऐसे ही नाम रोशन करें.
वहीं प्रीति पाल की बहनों का कहना है कि उन्हें अपनी बहन पर नाज है. प्रीति पाल का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वह शब्द याद हैं, जो उन्होंने मुलाकात के वक्त कहे थे, वह आने वाले समय में निश्चित ही अपने मेडल का रंग बदलेंगी.
प्रीति ने बताया कि वह सरकार का धन्यवाद करना चाहती हैं कि उन्होंने दो मेडल जीते और सरकार ने उन्हें सम्मानित किया. आर्थिक तौर पर भी उन्हें मजबूती मिली. वहीं अब अर्जुन अवार्ड मिलने जा रहा है, लेकिन वह कहती हैं कि वह यह आग्रह भी करना चाहती हैं कि अभी तक नौकरी नहीं मिली है, उन्हें उम्मीद है जल्द मिल जाएगी.
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