राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत, जांच में जुटी टीम, जल्द खुलेगी भ्रष्टाचारियों की पोल - Rajnandgaon Cooperative Bank
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत के बाद जांच दल मौके पर पहुंची है.जांच टीम जांच कर रही है. कई कर्मचारियों की नियुक्तियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जल्द ही जांच दल कई कर्मचारियों का पुराना कच्चा चिट्ठा खोलेगी.
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत
राजनांदगांव:राजनांदगांव के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत के बाद अब यहां जांच के लिए दो दिनों से टीम पहुंची हुई है. यहां नियमों के विरुद्ध हुई नियुक्तियों और नियुक्तियों के लिए बड़े लेनदेन के आरोपों की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि जिला सहकारी बैंक के तात्कालिक अध्यक्ष नवाज खान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं. 51 लोगों की नियुक्ति के समय नवाज खान जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे, वर्तमान अध्यक्ष और भाजपा नेता सचिन बघेल ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है.
ये है पूरा मामला:दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के समय राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में नियमों को दरकिनार करते हुए बड़ा लेन-देन कर फर्जी नियुक्तियां किए जाने का आरोप लगा था. हालांकि शिकायत के बावजूद इस मामले की जांच नहीं हो पा रही थी. ऐसे में पंडरिया विधायक भावना बोहरा की ओर से विधानसभा में इस मामले को सामने लाने के बाद सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने इस पर जांच के आदेश दिए थे. अब इस फर्जी नियुक्तियों की जांच के लिए यहां जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में टीम पहुंची हुई है.
51 लोगों की नियुक्ति पर उठ रहे सवाल: इस बारे में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष सचिन सिंह बघेल ने कहा कि, "कांग्रेस सरकार के समय जिला सहकारी बैंक में प्रशासक की नियुक्ति हुई थी. उनके लगभग दो ढाई साल के कार्यकाल में यहां लगातार नियुक्तियां की गई. इन नियुक्तियों की शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई. सरकार बदलने के बाद पंडरिया विधायक की ओर से विधानसभा में मामले को सामने लाया गया. इसमें विधायक भावना बोहरा ने सरकार का पक्ष जानना चाहा था. इस पर सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने इसकी जांच कराए जाने की बात कही थी. वहीं, प्रारंभिक जांच में ही 51 लोगों की नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं करना पाया गया था. सेवा नियमों को दरकिनार कर यहां नियुक्तियां दी गई. इन नियुक्तियों के लिए रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटी से भी अनुमति नहीं ली गई है."
जल्द होगा खुलासा: यानी कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में हुई नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर लेनदेन का आरोप भी लगाया गया है. अब इस मामले की जांच की जा रही है. संयुक्त रजिस्टर के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है. यह टीम दो दिनों से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पहुंचकर जिन लोगों की नियुक्ति हुई है, उनसे और जो नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया अपनाई गई है, उस पर अपनी जांच कर रही है. इस टीम की जांच में ही खुलासा होगा कि इन फर्जी नियुक्तियों के लिए कितने रुपए का लेनदेन हुआ और इसमें कौन-कौन दोषी है? बहरहाल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पहुंची टीम से यहां हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में फर्जी नियुक्ति देने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.