नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मुन्ना खान और उनकी टीम को भारत सरकार की तरफ से उनके एक आविष्कार "सामग्री के विश्लेषणात्मक लक्षण एवं पहचान के लिए विधि और उपकरण" के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है. जो स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए विशेष रूप से अधिक उपयोगी होगा. विकसित चिकित्सा उपकरण, द्रव एवं पाउडर के रूप में पदार्थों की शुद्धता की कुशलतापूर्वक जांच कर सकता है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने प्रोफेसर मुन्ना खान को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य सेवा उद्योग में बौद्धिक संपदा कानून महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रणी अन्वेषक प्रोफेसर मुन्ना खान को दिया गया, यह छठा पेटेंट प्रदान किया गया. यह पेटेंट प्रोफेसर मुन्ना खान एवं उनकी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है. उनके टीम में डॉ. काशिफ आईके शेरवानी, डॉ. मोहम्मद कैसर रजा, डॉ. शैला पीएसएमए सिरदेशमुख एवं डॉ. अशोक कुमार सलहान, विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. अशोक कुमार सलहान शामिल हैं.
पेटेंट में चार अवस्थाओं जैसे ठोस, तरल, द्रव और पाउडर में सामग्रियों के विश्लेषणात्मक लक्षण वर्णन एवं पहचान के लिए उपयोग किए जाने वाले आविष्कार को शामिल किया गया है. इस विधि में ध्वनिक अनुनाद असेंबली का उपयोग करके प्रत्येक पहचानी गई सामग्री में जबरन कंपन उत्पन्न करना तथा फिर ध्वनिक संकेतों को रिकॉर्ड करना शामिल है.