लखनऊ : रायबरेली में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर (IDTR) बनकर तैयार हो चुका है. अब इसी केंद्र पर लखनऊ के आस-पास के जिलों के कॉमर्शियल लाइसेंस बनेंगे. अभी तक काॅमर्शियल लाइसेंस संबंधित आरटीओ कार्यालय में ही बनाने की व्यवस्था है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भारी वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्टिंग का काम भी आईडीटीआर रायबरेली से ही होगा.
आईडीटीआर में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट, डॉक्यूमेंट, फोटो हस्ताक्षर और कैपचरिंग का कार्य रायबरेली में किए जाने के सभी काम पूरे हो गए हैं. एनआईसी ने हरी झंडी भी दे दी, लेकिन तीन माह तक अभी यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई, अब इस व्यवस्था को जल्द ही लागू करने की तैयारी है. इससे अब लखनऊ के आसपास के जिलों के सभी हैवी लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को रायबरेली ही जाना होगा.
आने वाले दिनों में लखनऊ समेत सात जिलों में कॉमर्शियल लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों को रायबरेली ही जाना पड़ेगा, वहीं से हैवी लाइसेंस (बड़े वाहन) जारी होंगे. यहां पर ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण में पास होने के बाद उनका टेस्ट लिया जाएगा और फिर इसके बाद ही कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होगी. रायबरेली के केंद्र से हैवी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का मकसद यही है कि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.
बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए ही परिवहन विभाग ये कदम उठा रहा है. अकुशल चालकों के हाथ जब सेटिंग से हैवी ड्राइविंग लाइसेंस पहुंच जाता है तो यह दुर्घटना का बड़ा कारण बनता है, लेकिन रायबरेली के केंद्र से जब प्रशिक्षण लेने के बाद चालकों का हैवी लाइसेंस जारी होगा तो हादसे की संभावना काफी कम होगी.
मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की हो जाएगी छुट्टी :कॉमर्शियल लाइसेंस जब रायबरेली के आईडीटीआर से जारी होंगे तो फिर विभिन्न शहरों में चल रहे सैकड़ों मोटर ट्रेनिंग स्कूल शो पीस हो जाएंगे. इन मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के पास कॉमर्शियल लाइसेंस के लिए सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार ही नहीं बचेगा. यह मोटर ट्रेनिंग स्कूल कॉमर्शियल ट्रेनिंग भी नहीं दे पाएंगे. इससे ट्रेनिंग स्कूलों का काम करीब करीब खत्म हो जाएगा. सिर्फ लाइट मोटर व्हीकल (LMV) की ही ट्रेनिंग इन मोटर ट्रेनिंग स्कूल के पास देने की व्यवस्था होगी. हैवी ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ रायबरेली के सेंटर से ही जारी होंगे.