इंदौर।इस भीषण गर्मी में आखिरकार धूप से कौन नहीं बचना चाहता लेकिन क्या कोई ऐसा साधन है जिससे आप बाहर निकलने पर भी धूप से आसानी से बचे रह सकें. इंदौर के वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज के 4 छात्रों ने इस परेशानी का हल निकाल लिया है. उन्होंने अक्सर पीठ पर लटके रहने वाले बैकपैक में ही इंटीग्रेटेड अंब्रेला इंस्टॉल कर दिया है. अब आप जब भी बाहर निकलेंगे तो बैग में इंस्टॉल छाता आपको धूप से बचा सकेगा.
छाते वाला 'बैकपैक'
एक समय था जब छाते को बारिश के अलावा धूप से बचाव के लिए एक महत्तवपूर्ण साधन माना जाता था. लेकिन अब लोगों को साथ में छाता रखना और उसे संभालना किसी मुसीबत से कम नहीं लगता. ऐसे में इंदौर के वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज के कुछ छात्रों ने इस बारे में सोचा और पीठ पर हमेशा साथ रहने वाले बैकपैक में ही छाता को इंस्टॉल करने की जुगाड़ करने की सोची और उसे पूरा किया. अब इस बैकपैक को देखकर लोग हैरान भी हैं और तारीफ भी कर रहे हैं.
अलग से छाता रखना चुनौती
इंदौर के श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र हंसराज गुप्ता, अभिषेक गौर ,आयुष गुर्जर और आर्यन मालाकार ने भीषण गर्मी में परेशान होने वाले करीब 500 लोगों से यह सवाल किया कि आप धूप से बचने के लिए छाता क्यों नहीं रखते. इस सवाल के बाद सभी का जवाब था कि छाता धूप से तो बचा सकता है लेकिन इसे संभालना एक बड़ी चुनौती का काम है. जब इन छात्रों ने देखा कि जो लोग धूप से बचना चाहते हैं वे लोग भी बैकपैक लेकर चलते हैं, इसलिए चारों छात्रों ने बैकपैक में ही छाते को फिट करने की जुगाड़ निकालने के लिए कई रिसर्च की.
600 रुपये आई लागत
छात्रों ने बैकपैक में ही छाते को इंस्टॉल करने के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट पर रिसर्च की और इसमें उन्हें सफलता भी मिल गई. इन्होंने एक ऐसा बैग तैयार किया जिसमें आसानी से छाता इंस्टॉल किया जा सकता है. बैग और छाते की लागत करीब ₹600 आई लेकिन जो इंटीग्रेटेड अंब्रेला वाला बैग तैयार हुआ वह आश्चर्यजनक रूप से सुविधाजनक और उपयोगी साबित हुआ.