भोपाल: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था आने वाले सालों में और भी मजबूत होने जा रही है. मोहन यादव सरकार प्रदेश में 5 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के साथ ही मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टर्स को बड़ी सौगात देने जा रही है. सरकार सरकारी डॉक्टर्स को अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की तैयारी कर रही है. दरअसल, मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होती है. इसको देखते हुए इन डॉक्टर्स को सरकार अतिरिक्त सुविधाएं देगी. सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से नए सरकारी कॉलेजों में डॉक्टर्स की कमी पूरी करने में मदद मिलेगी.
नए मेडिकल कॉलेजों में टीचर्स की कमी
सरकार लगातार एमपी में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इसके तहत प्रदेश में राजगढ़, बुधनी, सिंगरौली और मंडला में नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. इन मेडिकल कॉलेजों के बाद मेडिकल की 750 सीटों की बढ़ोत्तरी हो जाएगी. उधर मंदसौर, सिवनी और नीचम जिले के मेडिकल कॉलेजों को इसी सत्र से ओपन करने की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. इन कॉलेजों को 100-100 सीटों की अनुमति मिली है. हालांकि नए मेडिकल कॉलेजों के मामले में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती डॉक्टर्स और टीचिंग स्टॉफ की कमी के रूप में देखने में मिल रही है. पर्याप्त एसोसिएट्स प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर डॉक्टर्स न मिलने से सीटों की संख्या बढ़ोत्तरी में परेशानी हो रही है.
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छोटे जिलों में जाने से बचते हैं डॉक्टर्स
दरअसल, बड़े शहरों में निजी प्रैक्टिस के चलते डॉक्टर्स छोटे जिलों में जाना नहीं चाहते हैं. छोटे शहरों में इन डॉक्टर्स को प्रैक्टिस के मौके नहीं मिल पाते. इसको देखते हुए अब सरकार छोटे जिलों के मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स के लिए अतिरिक्त सुविधाएं देने की तैयारी कर रही है. सरकार इन डॉक्टर्स को अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की योजना बना रही है. इसके रूप में 20 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिया जा सकता है. इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा संचालनालय द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. दूरस्थ क्षेत्र के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को सरकार पहले से ही अतिरिक्त भत्ता दे रही है.