इंदौर : दरअसल, इंदौर समेत मंदसौर, नीमच, शाजापुर आदि इलाकों की मंडियों में पिछले तीन से चार महीनों से लहसुन 25 हजार रु से 30 हजार प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है. इस बीच राजस्थान की मंडियों में चीन से आने वाली लहसुन की आवक भी हो रही है, जो प्रदेश की सीमा से सटे हुए बाजारों में 20 से 22 हजार रु प्रति क्विंटल बिकने आया है, ऐसे में प्रदेश के जो लहसुन व्यापारी 25 से 30 हजार के भाव में लहसुना स्टॉक कर चुके हैं उन्हें बड़ा नुकसान होने की आशंका है.
लहसुन स्टॉक करने वाले व्यापारियों को नुकसान
मंडी व्यापारियों का कहना है कि चीनी लहसुन की एंट्री से उन्हें प्रति क्विंटल 5000 से 7000 रु तक नुकसान हो सकता है. यही स्थिति लहसुन उत्पादक किसानों की है, जिन्हें चीनी लहसुन के कारण अपनी उपज सस्ते में बिकने की आशंका है. लिहाजा मंगलवार से इंदौर समेत मालवा क्षेत्र की कई लहसुन मंडियों में विरोध करते हुए व्यापारियों और किसानों ने लहसुन की बिक्री नहीं होने दी. इसके अलावा जो किसान अपना लहसुन लेकर आए थे, उन्हें भी हड़ताल के कारण वापस लौटना पड़ा.
मध्य प्रदेश में कहां से आ रहा चीनी लहसुन?
व्यापारियों और किसानों का आरोप है कि चीनी लहसुन के मध्य प्रदेश में आने से लहसुन उत्पादक किसान और मंडी व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान होगा जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इधर लहसुन मंडी के प्रभारी संजय यादव ने कहा, '' भारत में चीन से आने वाले लहसुन पर पहले से प्रतिबंध है. संभवत: चोरी छिपे यह लहसुन राजस्थान की मंडी के बाद प्रदेश की मंडियों में लाया जा रहा है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं. इसी के चलते आज इंदौर मंडी में भी हड़ताल रही.''