Mahashivratri 2025: भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के जतन करते हैं. पूजा पाठ करते हैं, सोमवार को शिवजी का विशेष दिन माना जाता है. साल भर में आने वाली महाशिवरात्रि के दिन तो शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. महाशिवरात्रि का शिव भक्त सालभर इंतजार करते हैं. इस बार महाशिवरात्रि कब पड़ रही है 26 या 27 फरवरी. महाशिवरात्रि का कब है सटीक मुहूर्त.
महाशिवरात्रि कब 26 या 27 फरवरी
साल 2025 में महाशिवरात्रि कब है, इसे लेकर ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, कि इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को ही मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत 26 फरवरी को दिन में 9:31 बजे से शुरू जाएगी और 27 फरवरी को सुबह 8:20 बजे तक रहेगी. महाशिवरात्रि में शिवजी की विशेष पूजा रात में की जाती है. जिसमें चार प्रहर की पूजा होती है. इसका विशेष महत्व होता है. इसलिए शुभ मुहूर्त 26 फरवरी को ही पड़ रही है.
जिसमें रात्रि में चार प्रहर की पूजा की जा सकेगी.य इसीलिए 26 फरवरी को ही इस बार महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि में चार प्रहर की पूजा होगी, साथ ही उसी दिन शिव विवाह होगा, भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी.
चार प्रहर की पूजा के विशेष भोग
महाशिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ की चार प्रहर की इस पूजा का बड़ा विशेष महत्व भी होता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि चार प्रहर की पूजा में भगवान भोलेनाथ के प्रिय भोग को अर्पित करना चाहिए. जिससे वो जल्दी प्रसन्न होते हैं. प्रथम पहर में तरह-तरह के फलों का भोग लगाना चाहिए. दूसरे प्रहर की पूजा में जितने भी पकवान हों, पूरी, हलवा, खीर, कचौड़ी, इनका भोग लगाना चाहिए.
- शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को एक समझने की न करें भूल, दोनों का है क्या है महत्व
- पचमढ़ी में महादेव मेला, 17 से 26 फरवरी तक हर-हर महादेव से गूंजेगा चौरागढ़
तीसरे प्रहर में मिष्ठान जितने भी प्रकार के मिष्ठान हो सकते हैं. उनका भोग लगाना चाहिए. चौथे प्रहर में तरह-तरह के फल हैं. इसके अलावा पंचामृत, दूध दही, गंगाजल, शक्कर, शहद और मीठा इनका भोग लगाएं. फिर सुबह 6 बजे विसर्जन करें, तो भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं. उनकी कृपा बरसती है और अपने भक्तों को संकटों से बचाते हैं.