इंदौर.भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जल संकट की स्थिति बड़ा रूप लेने लगी है. लोगों की बढ़ती आबादी और तेजी से हो रही मानव बसाहट से इंदौर में पानी की डिमांड बढ़ गई है. इधर भूजल के भीषण दोहन से इंदौर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भी भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है. बीते 10 साल में इंदौर का जलस्तर 150 मीटर से बढ़कर 160 मीटर नीचे चला गया है.
न हो जाए बेंगलुरु की तरह जल संकट
शहर में कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है. माना जा रहा है कि शहर के लगभग 8 इलाके ऐसे हैं जहां अभी से हालात नहीं सुधरे तो जल्द ही यहां बेंगलुरु की तरह जल संकट की स्थिति बन सकती है. इसे लेकर नगर निगम ने पहल शुरू की है. नगर निगम की कोशिश है कि सभी इलाकों में बारिश के पानी का संग्रह किया जाए. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में हर घर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाए, जिससे भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए मकानों के छत का पानी अंडरग्राउंड किया जा सके.
50 हजार घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग का लक्ष्य
जल संकट को देखते हुए नगर निगम जल्द ही अलग-अलग टीमों के माध्यम से बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है. नगर निगम कमिश्नर ने इस अभियान को लेकर अधीनस्थों के साथ बैठक की. निगम का लक्ष्य है कि 50 हजार घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आगामी कुछ माह में तैयार किए जाएं. पहले चरण में 27 तालाबों को जीवित करने और तालाबों के गहरीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. इससे नदी और तालाब आदि स्थानों पर पानी का भराव बढ़ जाएगा.