मथुरा :भारतीय महिला क्रिकेट टीम बुधवार को धर्म नगरी वृंदावन पहुंची. यहां महिला क्रिकेट टीम की महिला खिलाड़ी प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए उनके आश्रम पहुंचे. यहां काफी देर तक महिला क्रिकेट टीम के सदस्यों ने महाराज का आशीर्वाद लेकर उनके साथ आध्यात्म पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने अपने सामने आने वाली परेशानियों को बताया.
महिला क्रिकेट टीम के सदस्यों ने बताया कि कभी-कभी कुछ चीज खराब चली जाती है तो उसकी वजह से मन बहुत परेशान हो जाता है. उन्होंने बताया कि कभी-कभी बड़े मैच होते हैं तो किसी न किसी को चोट लग जाती है. हमेशा यही होता है तो मन में विचार आता है कि हमेशा ऐसा क्यों होता है? इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने हंसते हुए कहा कि कोई भी खेल हो उसमें चोट लगती है. जैसे कि हम लोग संत मार्ग में हैं तो हमें काम की चोट, क्रोध की चोट, मोह और लाभ की चोट. यह सब अंदर की बातें हैं. उन्हीं चोटों को खाकर कोई महापुरुष बन जाता है, कुश्ती में व्यक्ति चोट खा खाकर पहलवान बन जाता है. हम यह विश्वास करें कि आगे से हमारा प्रयास ऐसा होगा कि हम नहीं गिरेंगे, हमें चोट नहीं लगेगी. बड़ी चोट असावधानी से होती है. अगर असावधानी हुई तो बड़ी चोट लगेगी, नहीं तो नहीं लगेगी. आप पहले से इतना तैयार रहिए, अगर आप दौड़ रहे हैं आप गेंद पकड़ रहे हैं, छोटे-मोटे तरीके से गिरने में जो चोट लगती है उसमें कोई बड़ी बात नहीं है. तब जब आप चूक करेंगे, बाल लग जाना या फिर आपकी दौड़ में ऐसी कोई घटना घट जाना, उसको हम अभ्यास के द्वारा दूर करें तो अच्छा है. एक बार हम उसको समझें की कैसे चोट लगी, आगे इसका अभ्यास करें तो दोबारा नहीं होगा, ऐसा नहीं है कि हर बार आपको चोट लगेगी.