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इंडियन ओवरसीज बैंक में सेंधमारी मामला; 42 लॉकर टूट गए फिर भी न अलार्म बजा, न आस पास दिखे थे गार्ड - INDIAN OVERSEAS BANK THEFT CASE

खाली प्लाॅट के जरिए लगाई सेंध, एक घंटे से भी अधिक समय तक बैंक के अंदर मौजूद रहे थे लुटेरे.

फाइल फोटो
फाइल फोटो (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 23, 2024, 8:16 PM IST

लखनऊ : चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक में हुई सेंधमारी के बाद बैंक की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैंक प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि शनिवार की रात जब चोरों ने सेंधमारी कर करीब 42 लाॅकरों को लूटा तब बैंक में न ही गार्ड था, न ही अलार्म बजा और न ही पुलिस को भनक लगी. लॉकर धारकों का कहना है कि बैंक में कभी भी कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा, न ही एटीएम पर कोई गार्ड मिला. वहीं सोमवार को पुलिस ने चोरी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. इतना ही नहीं उनके पास से करीब एक किलो सोना, डेढ़ किलो चांदी भी बरामद कर किया है.

लॉकर धारकों ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)



रात को नहीं थे सुरक्षागार्ड :इंदिरानगर के आनंद श्रीवास्तव बताते हैं, कि कई बार उन्होंने रात को बैंक में गार्ड न होने की बात मैनेजर को बताई, लेकिन उन्होंने कहा कि चिंता ना करिये. बताया जा रहा है कि बैंक में सुरक्षा के साथ यह खिलवाड़ तब हो रहा था, जब कुछ माह पहले ही इसी बैंक के एटीएम में चोरी हो गई थी, हालांकि यह चोरी एसी के आउटडोर की ही हुई थी. जांच में पता चला कि बैंक में सिर्फ चार ही सीसीटीवी कैमरे थे. पूर्व बैंककर्मी अनिल तिवारी कहते हैं कि नियम तो कहता है कि एक बैंक में हर एंगल पर कैमरे की मौजूदगी रहनी चाहिए. इस मामले में एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने भी जांच में पाया है कि, शनिवार को जब बैंक में चोर घुसे थे, तब बैंक में कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं था.



अलार्म के सही होने पर भी शक :शनिवार को जब चोर बैंक के अंदर सेंध लगाकर घुसे और लाॅकर को तोड़ना शुरू किया, तब नियमानुसार अलार्म बोलना चाहिए था. इतना ही नहीं उसका अलर्ट पुलिस व बैंक प्रबंधन को भी जाना चाहिए था. क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक विकास वर्मा ने कहा कि अलार्म लगा तो था, लेकिन क्यों नहीं बजा इसकी जांच की जा रही है.

पुलिस की भी भूमिका पर सवाल :11 नवंबर 2024 को पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश दिया था कि डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी के नेतृत्व में ठंड के समय रात में पेट्रोलिंग की जाएगी. आखिर शनिवार को चोरी के वक्त पुलिस की पेट्रोलिंग क्यों नहीं हुई? इतना ही नहीं नियमानुसार स्थानीय थाने की पुलिस अपने क्षेत्र की सभी बैंक में हर रोज दिन में 12 बजे बैंक जाकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेती है तो आखिर उस बैंक में सुरक्षा को लेकर बरती जा रही कमियों पर पुलिस की नजर क्यों नहीं पड़ी?

क्या बैंक की दीवार थी कमजोर :पूर्व बैंक अधिकारी अनिल तिवारी के मुताबिक, अधिकांश बैंक किराए की बिल्डिंग में होती हैं, जो पहले से अपने हिसाब से निर्मित होती हैं. जब बैंक उसे लेती है तो उसकी दीवारों को मजबूत बनाया जाता है. इसके अलावा लॉकर्स रूम की दीवार को स्टील की मोटी चादर से बनाया जाता है. इस तरह की दीवार को काटना आसान नहीं होता है. इंडियन ओवरसीस बैंक की इस ब्रांच में दीवार कमजोर रही होगी.


लाॅकर धारकों का लगा तांता :इंदिरानगर की ज्योति श्रीवास्तव को जैसे ही खबर लगी कि बैंक में चोरी हो गई तो वह सोमवार को बैंक पहुंचीं. उन्होंने बताया कि, चोरों ने उनका भी लॉकर्स तोड़कर सामान चोरी किया है. उनके लॉकर्स में उनकी सास, उनके और उनकी बेटी के लिए बनवाये गए आभूषण रखे थे. चोर एक साथ तीन पीढ़ियों के जेवर में हाथ साफ कर गए. ज्योति के पति आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि, 2018 में उन्हें अपने जेवर लॉकर में रखे थे. कई जगह कोशिश की, लेकिन सिर्फ यहीं का लॉकर खाली मिला. उन्होंने यहां की सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठाये थे, लेकिन किसी ने नहीं सुना.

गोल्ड लोन वाले लाॅकर को नहीं तोड़ पाये :गोमती नगर के रहने वाले नीरज मिश्रा एक कंपनी में प्राइवेट जॉब करते हैं. उनके लॉकर में उनकी पत्नी और एक रिश्तेदार के जेवर रखे थे. जब वो बैंक पहुंचे तो उन्हें पता चला कि चोर इसे भी चोरी कर ले गए हैं. लाॅकर धारक रतन शंकर पाण्डेय भी चोरी की खबर सुनकर भागते हुए बैंक पहुंचे थे, वो चिंतित तो थे, लेकिन उदास नहीं. उन्होंने बताया कि चोर सिर्फ उन लॉकर्स को तोड़कर सामान ले गए, जिसमें लोगों ने अपना सामान रखा था. चोरों ने गोल्ड लोन वाले लाॅकर को छुआ ही नहीं, इसलिए उनका सोना सुरक्षित है. बस चिंता इस बात की है कि कहीं वो लॉकर्स भी चोर तोड़ देते तो क्या होता?


5 घंटे में ही बदमाशों की हो गई थी शिनाख्त : शनिवार को रात हुई चोरी की सूचना पुलिस को करीब ढाई बजे ही मिल गई थी. डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि हमें यह आभास तो था कि चोरी करने वाला गैंग लोकल नहीं है. ऐसे में हमारे सामने चुनौती थी कि इस गैंग को लखनऊ से बाहर नहीं जाने देना है, इसलिए हमने रात को ही चिनहट से लेकर हर तरफ के हाईवे में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किये. बैंक सीसीटीवी में दिखे चारों बदमाशों की तस्वीर के सहारे ह्यूमन सर्विलांस शुरू किया. रविवार को करीब सुबह साढ़े सात बजे हम लोगों ने चारों बदमाश की पहचान कर ली. इस दौरान बदमाशों से पुलिस टीम की मुठभेड़ हो गई और गिरफ्तार कर लिया गया. डीसीपी के मुताबिक, बैंक में सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो हुआ है. पेट्रोलिंग टीम से भी लापरवाही हुई है. हम इसकी जांच कर रहे हैं और जो भी आवश्यक होगा हम कार्रवाई करेंगे.

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