रतलाम:आमतौर पर राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ऐसे कई गांव मिलते हैं जहां के हर दूसरे घर से कोई ना कोई फौजी मिलिट्री फोर्स में अपनी सेवा दे रहा होता है. मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में भी एक ऐसा गांव मौजूद है जहां की मिट्टी देश सेवा का जज्बा लिए युवा तैयार करती है. जो भारतीय सेवा या पैरा मिलिट्री फोर्स में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस गांव का एक लाल कन्हैया लाल जाट देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर शहीद भी हो चुका है. इस गांव के करीब 24 से अधिक युवा भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा दे रहे हैं. यही नहीं यहां की नई पीढ़ी भी राष्ट्र सेवा के इसी पथ पर जाने की तैयारी में जुटी है.
देशभक्तों के गुण वाला गांव गुणावद
दरअसल रतलाम जिले का गुणावद गांव कबड्डी के खेल के लिए पहचाना जाता रहा है. लेकिन पिछले कुछ सालों में इस गांव से भारतीय सेना, सशस्त्र सेनाओं और पुलिस फोर्स में 24 से अधिक जवान चयनित होकर अपनी सेवाएं देश को दे रहे हैं. जिसकी वजह से अब इस गांव की पहचान देश सेवा करने वाले इन वीर जवानों की वजह से भी हो रही है. यहां से भारतीय सेना में अमृतलाल सेन, नीलेश शर्मा, भोलाराम शर्मा, जोरावर सिंह, विजय सिंह सुभाष जाट, धर्मेंद्र जाट, पवन जाट, बहादुर सिंह और राहुल जाट कार्यरत हैं.
गांव के युवाओं के सिर चढ़कर बोलता है देश प्रेम
बीएसएफ में संजय जाट और सीआरपीएफ में गोकुल सिंह एवं पप्पू सिंह अपनी सेवाएं राष्ट्र को दे चुके हैं. एसएएफ और पुलिस फोर्स में भी गुणावद गांव के जितेंद्र गोस्वामी, भंवर सिंह, दिनेश जाट और जितेंद्रपाल सिंह सेवाएं देकर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं. अलग-अलग फोर्स में सेवा दे रहे इन जवानों से गांव के बच्चे भी प्रेरणा लेकर देश सेवा में जाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. यहां से हर वर्ष 4 से 5 युवाओं का चयन भारतीय सेना सहित अन्य सशस्त्र बलों के लिए हो रहा है. अग्नि वीर योजना के अंतर्गत भी गांव के 2 युवाओं का चयन इस वर्ष हुआ है.