कुरुक्षेत्र:केंद्र सरकार किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं चला रही हैं. तो वहीं, हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही है. योजनाओं को किसानों की धान की फसल रोपाई और अन्य फसलों को लगाने में पानी की बचत करने के उद्देश्य से चलाया गया है. क्योंकि हरियाणा में भूमिगत जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. जिसके चलते प्रदेश के कई ब्लॉक डार्क जोन में आ चुके हैं. ऐसे में पानी के संकट को देखते हुए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग के द्वारा अब किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है. ऐसे में राष्ट्र कृषि विकास योजना के तहत फसल विविधीकरण प्रोग्राम स्कीम वर्ष 2024-25 के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. ताकि वह यह आवेदन करके प्रोत्साहन राशि ले सके.
क्या है फसल विविधीकरण योजना:जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया फसल विविधीकरण को अपनाने का सरकार का उद्देश्य यह है कि पानी की बचत की जा सके. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत फसल विविधीकरण प्रोग्राम स्कीम के तहत यह आवेदन मांगे गए हैं. इस योजना के तहत जो किसान धान की फसल छोड़कर अन्य फसल लगता है, उनको प्रोत्साहन राशि दी जाती. इसमें कहीं फसलों को शामिल किया गया है. जिसमें अलग-अलग फसल लगाने पर सरकार और विभाग द्वारा अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सीधे किसानों के खाते में दी जाती है.
किस फसल पर कितनी प्रोत्साहन राशि:कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन में करनाल किसानों के द्वारा अरहर, मूंग,उड़द, मक्का फसल की बिजाई की गई है. उन किसानों को फसल विविधीकरण के तहत विभाग के द्वारा पड़ोसन राशि दी जाती है. करनाल में जिस भी किसान ने मक्के की फसल की बिजाई की है. उसको प्रति एकड़ ₹2400 प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे.
इसके साथ-साथ वैकल्पिक दाल वाली फसल जैसे अरहर,मूंग, उड़द फसल की बुवाई करने पर किसानों को विभाग की तरफ से प्रति एकड़ ₹3600 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं, उन्होंने बताया कि आगामी रबी सीजन के लिए जो किसान असली कारण कृषि वानिकी में गेहूं फसल की बुवाई करता है. उसको प्रति एकड़ ₹2000 प्रोत्साहन राशि दी. इसके साथ-साथ जो भी किसान भाई पावर स्प्रे पंप की खरीद करता है, उसको इस खरीद पर ₹3000 अनुदान के रूप में दिए जाएंगे.