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यूपी में एनकाउंटर में हर महीने ढेर हुए 3 अपराधी, अब तक 210...

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साढ़े सात साल में 80 हजार से अधिक अपराधियों को हुई सजा

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

योगी सरकार में हुए एनकाउंटर.
योगी सरकार में हुए एनकाउंटर. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ :सुल्तानपुर डकैती कांड में दो एनकाउंटर और हाल फिलहाल बहराइच बवाल में दो आरोपियों से मुठभेड़ ने यूपी पुलिस को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है. योगी सरकार के पिछले साढ़े सात वर्षों के कार्यकाल पर नजर डालें तो इस दरम्यिान 210 अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया है. वहीं अभियोजन पक्ष को मजबूत करते हुए 80 हजार से अधिक आरोपियों को सजा भी दिलाई गई है.

पिछले साढ़े सात साल में 81,196 से अधिक अपराधियाें को दिलाई सजा:अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा के मुताबिक, वर्ष 2017 से अब तक 81,196 मामलों में कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलाई गई है. इसमें कुल 108 दोषियों को फांसी की सजा, 3125 अपराधियों को उम्रकैद, 9,076 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 16,941 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गई है. इसके अलावा पिछले 16 माह में ऑपरेशन कन्वेशन के तहत पुलिस और अभियोजन विभाग की ओर से अब तक 52,000 से अधिक अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है.

महिलाओं के खिलाफ अपराध में 28,700 को सजा:इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ लैंगिक, बलात्कार, गंभीर अपराध, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य अपराध के मामलों में 28,700 अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है. इसमें 9 अपराधियों को फांसी की सजा , 1720 को उम्र कैद, 4,443 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 10,393 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गई है.

दुर्दांत अपराधियों पर कार्रवाई :एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि अगस्त-24 तक प्रदेश के दुर्दांत और टॉप 10 कैटेगरी के 496 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इनमें एक अपराधी को फांसी की सजा, 51 अपराधियों को उम्रकैद, 34 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 410 अपराधियों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गई है.

हाल के वर्षों में लिया गया एक्शन:बताया किवहीं प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया अपराधियों एवं उनके गिरोह के खिलाफ 25 मार्च 2022 से 31 अगस्त-24 तक कुल 42 मामलों में 29 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इनमें एक मामले में फांसी की सजा, 5 मामलों में आजीवन कारावास, 7 मामलों में 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 29 मामलों में 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलाई गई है.

योगी सरकार में हुए यूपी के चर्चित एनकाउंटर

  • विकास दुबे: योगी सरकार के साढ़े सात वर्षो में सबसे अधिक चर्चा में विकास दुबे का एनकाउंटर रहा है. 3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में रेड मारने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ फायरिंग की थी, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. 9 जुलाई को उज्जैन में विकास दुबे को पकड़ा गया और फिर कानपुर लौटते हुए पुलिस की गाड़ी पलट गई. इसी का फायदा उठाते हुए विकास दुबे भागने लगा. जिस पर एनकाउंटर में मारा गया.
  • असद अहमद:माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर भी काफी चर्चा में रहा. प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में असद फरार था. जिसकी तलाश यूपी एसटीएफ जोरों से कर रही थी. 13 अप्रैल 2023 को झांसी में स्पेशल टास्क फोर्स ने असद को शूटर गुलाम के साथ एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
  • गौरी यादव :मध्य प्रदेश और यूपी के लिए सिरदर्द बना गौरी यादव डकैत का भी एनकाउंटर योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि थी. 30 अक्टूबर 2021 को यूपी STF ने गौरी को मुठभेड़ में मार गिराया था. उस पर दोनों राज्यों ने साढ़े पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
  • मंगेश यादव: यूपी के सुल्तानपुर में हुई साढ़े तीन करोड़ की डकैती के आरोपी मंगेश यादव को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि STF ने जाति विशेष को टारगेट करने के लिए मंगेश का एनकाउंटर किया . तब ये बहस भी छिड़ी कि योगी राज में किस जाति के आरोपियों या अपराधियों का सबसे अधिक एनकाउंटर हुए.

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