गोरखपुर: सफारी और स्कॉर्पियो पर विधायक का स्टीकर लगाकर भोकाल टाइट करने वाले, कई लोग बुधवार को गोरखपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस वाहनों के कागजात जांच कर रही थी तो ये भोकाली अपना भोकाल बनाने में जुटे थे. लेकिन, कहीं यह एसपी सिटी के हाथों पकड़े गए तो, कहीं सीओ ने पकड़ा.
खास बात यह रही कि विधायक के स्टीकर लगी इन गाड़ियों में किसी में भी विधायक नहीं थे, ना ही उनके परिजन थे. उनके नाम पर विधायक का फर्जी पास, विधानसभा में घुसने का पास, सब कुछ गाड़ी पर चिपकाकर मजे से घूमने वाले, जब पुलिस के हत्थे चढ़े तो उनके होश उड़ गए.
पुलिस के सामने पेश की गई उनकी कोई भी सफाई काम नहीं आई. वह मौके से गिरफ्तार हुए तो कैंट थाने से लेकर कोतवाली पहुंचा दिए गए. हवालात ही नहीं गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिए गए.
पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई अपने आवास से निकलकर पुलिस ऑफिस अपने कार्यालय पहुंच रहे थे, तभी पुलिस ऑफिस के सामने काले रंग की इंडिवर गाड़ी दिखाई दी, जिस पर भाजपा का झंडा लगा विधायक/ सदस्य विधान परिषद का स्टीकर लगा हुआ था. इसकी वैधता 2021 थी.
स्टीकर पर विधायक (सदस्य विधान परिषद), उत्तर प्रदेश सचिवालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री भवन अथवा लोक भवन लिखा था. इसके अतिरिक्त सचिवालय के समस्त भवनों के लिए यह पास मान्य था. अंदर एक पास और लगा हुआ था जिस पर वाहन पास, खिचड़ी मेला भी लिखा था.
इंडिवर गाड़ी, विशाल यादव की थी. भोकाल टाइट करने वाले विशाल यादव से जब एसपी सिटी ने पूछताछ शुरू की तो वह कुछ बता नहीं सका. एसपी सिटी ने तत्काल अपने हमराहियों को गाड़ी चालक सहित वाहन को कैंट पुलिस के सुपुर्द कर, वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश जारी कर दिए.
वहीं थानाध्यक्ष रामगढ़ताल के नेतृत्व में भी पुलिस टीम द्वारा विधायक का अवैध/कूटरचित वाहन पास लगाकर, स्कार्पियो वाहन से घूम रहे आदित्य सिंह को गिरफ्तार किया गया. यह रुस्तमपुर आजाद चौक से गिरफ्तार हुआ जो मूल निवासी, पठखौली थाना कोतवाली संतकबीरनगर का है. जिसे जेल भी भेज दिया गया.
चौकी प्रभारी नौकायान दीपमंजरी पाण्डेय ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा चम्पा देवी पार्क के पास संदिग्ध व्यक्ति/वाहन की चेकिंग के दौरान, गौतम विहार विस्तार की तरफ से एक सफेद रंग की स्कार्पियों वाहन आती हुई दिखाई दी. जिसको रुकने का इशारा किया गया तो उसने भागने का प्रयास किया.
इस पर उसे घेरकर रोका गया. वाहन को चेक किया गया. वाहन के आगे एक पास लगा हुआ था, जिस पर बड़े अक्षरों में विधायक लिखा हुआ था. जिसके नीचे अंडाकार आकार में उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो और अंदर विधानसभा सचिवालय श्री लाल बहादुर शास्त्री भवन अथवा लोक भवन के अतिरिक्त सचिवालय के समस्त भवनों के लिए मान्य लिखा है. लेकिन यह फर्जी होलोग्राम लगा था.
जिसको सफेद प्लास्टिक में लेमिनेसन कराकर वाहन के बाएं तरफ शीशे के निचले हिस्से में प्लास्टिक के टेप से चिपकाया गया था. जिसके संबंध में अभियुक्त उपरोक्त से पूछने पर बताया कि यह पास मैंने अपने गांव के ही बगल के रहने वाले चाचा की गाड़ी पर लगे पास से कूट रचना कर बनाया है.
कूट रचित पास जो मैंने बनाया है इसका उपयोग मैं टोल टैक्स आदि से बचने के लिए, सरकारी भवनों व सरकारी कार्यालयों में इसी पास के आधार पर लोगों का काम कराकर अनुचित लाभ कमाने में करता था.
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