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आईआईटी रुड़की करेगा गर्जिया माता मंदिर का सर्वे, टीले के लिए डीपीआर तैयार, 47 लाख का बजट मांगा

IIT Roorkee will survey Garjiya Mata Temple रामनगर का गर्जिया माता मंदिर शक्तिपीठों में माना जाता है. मंदिर के टीले में दरारें आने से मंदिर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. उत्तराखंड सरकार ने आईआईटी रुड़की को गर्जिया माता मंदिर के टीले के सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी है. सर्वे के लिए डीपीआर शासन को भेज दिया गया है. पहले चरण के सर्व के लिए सरकार से 47 लाख का बजट जारी करने की मांग की गई है.

Garjiya Mata Temple
गर्जिया मंदिर सर्वे

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 25, 2024, 9:48 AM IST

हल्द्वानी:उत्तराखंड के रामनगर स्थित कोसी नदी के बीचों-बीच एक टीले पर विराजमान शक्ति पीठ गर्जिया माता मंदिर को बचाने के लिए सिंचाई विभाग कार्रवाई में लग गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मंदिर के टीले के अस्तित्व को बचाने के लिए गंभीर नजर आ रहे हैं. बीते दिनों कुमाऊं कमिश्नर के साथ हुई बैठक में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गर्जिया माता मंदिर के टीले की सुरक्षा दीवार को लेकर चर्चा कर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

आईआईटी रुड़की करेगा गर्जिया माता मंदिर का सर्वे

आईआईटी रुड़की करेगा गर्जिया माता मंदिर के टीले का सर्वे:ऐसे में मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए सिंचाई विभाग आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की मदद लेने जा रहा है जिससे मंदिर को बचाया जा सके. मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि प्रसिद्ध गर्जिया मंदिर के टीले के खतरे को लेकर आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है. मॉडल स्टडी के लिए आईआईटी रुड़की द्वारा सर्वे के लिए बजट की डिमांड की गई है. जिसके तहत सर्वे के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्रथम चरण के सर्वे के लिए 47 लाख रुपए के बजट की मांग की गई है. बजट आवंटित होते ही आईआईटी रुड़की को सर्वे के लिए ऑफर लेटर जारी कर दिया जाएगा. आईआईटी रुड़की के सर्वे के बाद निर्माण कार्य की आगे की कार्रवाई की जाएगी.

शक्तिपीठ है गर्जिया माता मंदिर:गर्जिया माता मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में एक मंदिर माना जाता है. कोसी नदी के बीचों-बीच टीले पर बने मंदिर के टीले को कई सालों से खतरा पैदा हो गया है. बरसात के समय मंदिर के टीले के गिरने का खतरा बना हुआ है. सिंचाई विभाग पिछले कई सालों से मंदिर के अस्तित्व को बचाने की जुगत में लगा हुआ है. सिंचाई विभाग द्वारा मंदिर के क्षतिग्रस्त टीले को मरम्मत कर बचाने की कोशिश की जा रही है. मगर हर साल बरसात में मंदिर को और खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में अब मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए एक्सपर्ट और वैज्ञानिक विधि से बनाने की कवायद चल रही है.

गर्जिया माता मंदिर के टीले में दरार आई हैं

ये है मंदिर की कहानी:गर्जिया माता मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में एक मंदिर है. यह मंदिर कई सौ वर्ष पुराना है. इस मंदिर की मान्यता है कि यह मंदिर गिरिराज की पुत्री गिरजा देवी का है. जिन्हें मां पार्वती का स्वरूप भी माना जाता है. इस मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी आता है. जानकारी के अनुसार कई सौ वर्ष पूर्व यह मंदिर कोसी नदी में बह कर आया था. बाबा भैरवनाथ ने उनसे यहां ठहरने का आह्वान किया, जिसके बाद यह मंदिर यहीं स्थापित हो गया. गर्जिया मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. अब मंदिर के अस्तित्व पर मंडराए खतरे को देखते हुए सरकार भी गंभीर नजर आ रही है.
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