नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस में नए अंतरराष्ट्रीय परिसर में PHD कोर्स में दाखिला शुरू करने की घोषणा कर दी है है. एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में शोध के लिए पीएचडी कोर्स जनवरी 2025 में अपने पहले बैच के साथ शुरू होने वाला है. यह पहल एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान और नवाचार (innovation) को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली अबू धाबी की ओर से की गई है. पीएचडी कोर्स का शुभारंभ 2024 में अबू धाबी परिसर के लॉन्च के बाद हुआ है.
जनवरी 2024 में एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी में एम.टेक. कोर्स और दो बी.टेक. कोर्स सितंबर 2024 में शुरू किए थे. ये दो कोर्स कंप्यूटर विज्ञान व इंजीनियरिंग और ऊर्जा इंजीनियरिंग में शुरू हुए थे. आईआईटी दिल्ली की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार आईआईटी दिल्ली भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक के रूप में कार्यरत है. आईआईटी दिल्ली ने स्थापना के बाद से विभिन्न विषयों में 60,000 से अधिक छात्रों को स्नातक किया है. आज तक 7,500 से अधिक पीएचडी स्नातकों 2024 में 481 पीएचडी छात्र स्नातक के साथ संस्थान यूएई में अनुसंधान और शैक्षणिक विरासत का विस्तार करने के लिए तैयार है.
ये हैं पीएचडी कोर्स की मुख्य विशेषताएं
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं ऊर्जा और स्थिरता के क्षेत्र में पीएचडी कार्यक्रम नेट ज़ीरो लक्ष्यों तक पहुंचने से संबंधित अत्याधुनिक समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, टिकाऊ इंजीनियरिंग, डीकार्बोनाइजेशन, प्रक्रिया, उभरते ऊर्जा परिदृश्य में माइक्रोग्रिड और बिजली वितरण पर शोध और ऊर्जा संक्रमण में सहायता के लिए एआई और डेटा विज्ञान का उपयोग शामिल है. छात्र अपने डॉक्टरेट शोध प्रबंध के लिए अग्रणी विषयों पर काम करेंगे, जिसमें ऊर्जा संक्रमण और पर्यावरणीय स्थिरता की प्रौद्योगिकी और प्रबंधन से संबंधित वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जाएगा.
जनवरी के पहले बैच के लिए आवेदन शुल्क है माफ