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इग्नू ने मानसिक स्वास्थ्य में शुरू किया स्नातकोत्तर डिप्लोमा, जानिए योग्यता और दाखिले की अंतिम तिथि - IGNOU PG Diploma in mental health

IGNOU PG Diploma in mental health: इग्नू द्वारा मानसिक स्वास्थ्य में पीजी डिप्लोमा की शुरुआत की गई है. इस कोर्स की कई विशेषताएं हैं जो इसे खास बनाती हैं. इसके अलावा, फैशन डिजाइन में सर्टिफिकेट की भी शुरूआत की गई है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 30, 2024, 4:22 PM IST

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने मनोविज्ञान अनुशासन एवं स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज (एसओ एसएस) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य में पीजी डिप्लोमा (पीजीडीएमएच) शुरू किया है. कार्यक्रम समन्वयक प्रो. स्वाति पात्रा ने बताया कि यह इसे विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मजबूत आधार प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. मनोवैज्ञानिक मुद्दों और चिंताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के गहन अध्ययन के माध्यम से इस कोर्स का उद्देश्य, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए लोगों को तैयार करना है. फिलहाल दाखिले के लिए छात्र 30 जून तक पंजीकरण कर सकते हैं.

मुख्य विशेषताएं-

क्षमता निर्माण: समुदाय की मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से संबोधित करने के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सेवा में पेशेवरों को प्रशिक्षित करना.

सुविधानुसार शिक्षण:ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन प्रारूप छात्रों को अपनी गति से अध्ययन करने की अनुमति देता है.

पाठ्यक्रम संरचना:मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें बुनियादी बातें, विकार, विशेष क्षेत्र, सेवाएं और इंटर्नशिप शामिल है.

योग्यता: मनोविज्ञान, सामाजिक कार्य या नर्सिंग में मास्टर डिग्री. मेडिकल ग्रेजुएट (एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, या डेंटल सर्जरी में स्नातक (बीडीएस). प्रवेश साल में जनवरी और जुलाई में लिया जा सकता है.

फैशन डिजाइन में सर्टिफिकेट कोर्स:वहीं, इग्नू के व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण विद्यालय ने भी फैशन डिजाइन में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है. दाखिले के लिए 30 जून तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को परिधान उद्योग में रोजगार के लिए तैयार करना है. भारतीय परिधान उद्योग एक बहुत मेहनत वाला उद्योग है, जो लगभग 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और 6 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है. भारत के पास इस उद्योग में अन्य देशों की तुलना में मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति एवं कम लागत में उपलब्धता है.

यह है उद्देश्य:भारतीय परिधान उद्योग कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए 'अपैरल सोर्सिंग डेस्टिनेशन' बनने में मदद करता है. वैश्विक निर्यात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 26% है. भारत सरकार का लक्ष्य 2024-25 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कपड़ा निर्यात हासिल करना और टेक्टाइल सेक्टर में अतिरिक्त 35 मिलियन रोजगार सृजित करना है. यह कोर्स पैटर्न बनाने और सिलाई तकनीकों में बुनियादी ज्ञान और कौशल विकसित करेगा. इसका उद्देश्य फैशन डिजाइन के मूल सिद्धांतों का बुनियादी ज्ञान और समझ विकसित करना है.

यहां मिलेगी जानकारी:कार्यक्रम समन्वयक प्रो. अशोक के. गाबा ने बताया कि यह कोर्स उन लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा, जो खुदरा या निर्यात क्षेत्रों में सहायक डिजाइनर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उद्यमी बनना चाहते हैं, अपने मौजूदा ज्ञान को अपडेट करना चाहते हैं और विशेष रूप से सिलाई में पैटर्न बनाने में करियर बनाना चाहते हैं. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, https://sites.google.com/ignou.ac.in/weas/cfde पर जा सकते हैं.

पात्रता:10+2 (वरिष्ठ माध्यमिक)

शिक्षण का माध्यम:अंग्रेजी/हिंदी

अवधि:न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्ष

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