नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की बीजेपी विधायकों की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सुनवाई के दौरान विधानसभा के स्पीकर और दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखे जाने की कोई जल्दबाजी नहीं है, वो भी तब जब विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं. विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है. और ऐसे में अभी सीएजी की रिपोर्ट पेश करने से कोई सार्थक जरूरत पूरी नहीं होगी.
दिल्ली सरकार को फटकार: सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि वो सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये और जरूरी है कि ये रिपोर्ट पेश किया जाए. बतादें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी.
भाजपा की विशेष सत्र बुलाने की मांग: हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है.
याचिका में ये भी कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दें.
रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के पास लंबित: याचिका में कहा गया था कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप-राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. याचिका में कहा गया था कि इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने आतिशी मार्लेना के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था.