शिमला:हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में एक बार फिर मरीजों की परेशानियां बढ़ गई है. क्योंकि अस्पताल के आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) कर्मचारी बीते दिन से 31 अगस्त तक सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर है. वहीं, इनकी मांगे नहीं मानी गई तो ये 2 सितंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी. क्यों कि मरीजों की पर्ची, दाखिल और टेस्ट की फीस का काम यही डाटा ऑपरेटर करते हैं.
जानकारी के अनुसार आरकेएस कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बीते शनिवार को मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरकेएस कर्मियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. लेकिन कर्मचारी आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है, उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित में जवाब की मांग रखी है. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन लिखित रूप में नहीं मिलता है, तब तक वे स्ट्राइक करेंगे. हालांकि, आरकेएस कर्मचारियों ने कहा आईजीएमसी शिमला में एक काउंटर चलता रहेगा, जिसमें सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए पर्ची बनेगी और कैश ली जाएगी.
वहीं, कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि फिलहाल 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू की है. लेकिन सरकार ने अगर जल्द फैसला नहीं किया तो 2 सितंबर से वह हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं, आकेएम कर्मचारियों की पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से पर्ची बनाने के लिए लोग सुबह से ही कतार में खड़े रहे, लेकिन उनकी पर्ची नहीं बनी. 2 दिनों के अवकाश के बाद आईजीएमसी आने वाले मरीजों को पर्ची तक बनवाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं, अन्य ओपीडी के लिए काउंटर पर पर्ची बनाने और कैश की सुविधा बंद रही.
गौरतलब है कि आरकेएस कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग को लेकर पहले भी पेन डाउन स्ट्राइक कर चुके हैं, उस दौरान भी मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आश्वासनों के आरकेएस कर्मियों ने हड़ताल तो वापस ले ली थी, लेकिन आज तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई है. आईजीएमसी शिमला और कमला नेहरू हॉस्पिटल के 55 कर्मचारी साल 2021 में 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके है. लेकिन उन्हें अभी तक अन्य आरकेएस कर्मियों की तरह रेगुलर पे स्केल नहीं मिला है.