लखनऊ:अगर आपको सांस फूलने की समस्या, चक्कर खाकर गिर जाना वा बेहोशी आना या फिर छाती में दर्द जैसे लक्षण है, तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. दरअसल यह लक्षण हाइपरट्रॉफिक कार्डियो मायोपैथी (HCM) के हो सकते है. यदि समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सिविल अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट व सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहीं.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियो मायोपैथी बढ़ा देती है हार्टअटैक की संभावनाएं, सर्दियों में रखें सावधानी - HEART ATTACK TREATMENT
Hypertrophic cardio myopathy: यदि समय रहते हार्ट अटैक का इलाज नहीं किया गया तो इसका खतरा कई गुना बढ़ सकता है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : 5 hours ago
डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया, कि यह बीमारी अनुवांशिक होती है. एचसीएम में हार्ट चेंबर और दिवार मोटी और असामान्य हो जाती है. जिसकी वजह से कई तरह की समस्या हो सकती है. यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ ज्यादा देखने को मिलती है. हालांकि, अब इस समस्या को लेकर कई तरह की दवाएं और ट्रीटमेंट आ गए हैं. जिससे इसे मैनेज किया जा सकता है. वहीं, समय के साथ कार्डियो ऑन्कोलॉजी बेहद जरूरी विधा हो गई है. क्योंकि, कैंसर पेशेंट में कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को मैनेज करना बेहद जरूरी हो जाता है. ताकि कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान दिल पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े. ट्रीटमेंट के चलते कार्डियोटॉक्सिसिटी जैसे हार्ट फेल, हायपरटेंशन और मायोकार्डियल इशक्मिया आदि की आशंका बढ़ जाती हैं. ऐसे में कार्डियोलॉजिस्ट के सामने पहले से चली आ रही दिल की समस्या और कैंसर ट्रीटमेंट के रिस्क दोनों को मैनेज करने में चुनौती आती है.
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लारी केजीएमयू के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अक्षय प्रधान ने बताया कि समय के अनुसार कार्डियो ऑन्कोलॉजिस्ट की डिमांड बेहद जरूरी है. ताकि पहले से चली आ रही दिल संबंधी बीमारी और कैसर ट्रीटमेंट रिस्क दोनों को मैनेज किया जा सके. अचानक से चक्कर आना, सांस में समस्या एचसीएम के लक्षण है. कई बार चक्कर से गिरने के दौरान मौत तक हो जाती है. इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के शुरुआती लक्षण:बेहोश होना.सीने में दर्द होना. सांस लेने में परेशानी होना. घबराहट व बैचेनी होना. अनियमित व अनियंत्रित धड़कनों का चलना.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (एचसीएम) का बचाव : हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, तरल पदार्थ और नमक (सोडियम) का सेवन सीमित करें. अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से आहार के बारे में विशिष्ट दिशा-निर्देश मांगें. सावधानी से व्यायाम करें. नियमित रूप से फलोअप अपॉइंटमेंट लें.
संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कदम उठाएं. अगर आपको हार्ट फ़ेलियर के लक्षण हैं, तो पिए जाने वाले तरल पदार्थ और नमक की मात्रा को सीमित करना पड़ सकता है.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी का इलाज :बीटा-ब्लॉकर्स और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जैसे दवाएं. डाइसोपायरामाइड जैसी दवाएं. एमायोडैरोन जैसी दवाएं. मेवाकाम्टेन जैसी दवाएं. सर्जिकल मायेक्टॉमी. परक्यूटेनियस कैथेटर अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन.
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