भोपाल. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग (Human rights commission) ने सोमवार को प्रदेश में घटी सात घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जिम्मेदारों को नोटिस भेजा है. आयोग ने सभी मामलों में संबंधित अधिकारियों से तय समय सीमा में जवाब मांगा है. बता दें कि जिन सात घटनाओं को लेकर आयोग ने संज्ञान लिया है, उसमें मानव अधिकारों का हनन हुआ है, ऐसा माना जा रहा है.
जेल में बंद कैदी की मृत्यु का मामला
खरगौन जिले के बड़वाहा उपजेल में बंद कैदी की अचानक मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. एक मामले में जेल में बंद सनावद नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार सोलंकी की बीती मंगलवार को इलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक जेल में बंद कैदी को पेट संबंधित समस्या होने पर भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जेल अधीक्षक, सब जेल, बड़वाहा से विस्तृत रिपोर्ट एक माह के अंदर मांगी है.
ताज होटल के सामने बस्ती हटाने का मामला
भोपाल शहर के ताज होटल के सामने स्थित भदभदा बस्ती से घरों को हटाने का मामला सामने आया है. बस्ती हटाने के कारण वहां रहने वाले बुजुर्ग और खास कर बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्राओं को कई मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है. मामले में संज्ञान लेते हुए मानव अधिकार आयोग ने कलेक्ट, आयुक्त नगर निगम भोपाल से की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
सुरक्षा दीवार और रैलिंग क्षतिग्रस्त होने का मामला
भोपाल शहर के कमला पार्क स्थित छोटे तालाब के किनारे क्षतिग्रस्त रैलिंग और दीवार सैलानियों के लिए खतरा बनी हुई है. निगम अफसरों और कर्मचारियों को जानकारी होने के बावजूद रैलिंग और दीवार का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नगर निगम आयुक्त से मामले की जांच कराकर निम्न बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है- 1. क्या कमला पार्क की छोटे तालाब की ओर बनी रैलिंग और दीवार क्षतिग्रस्त है? 2. क्या ऐसी स्थिति कमला पार्क आ रहे लोगों के लिए सुरक्षित है? 3. ऐसी स्थिती में सुधार की क्या व्यवस्था की गई है या प्रस्तावित है?
खंभों से सड़क तक झूल रहे बिजली के तार
भोपाल शहर के वार्ड नंबर-8 स्थित फूल महल स्कूल के पास सड़क पर बिजली के तार लटके हुए हैं. मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से पोल पर स्थित केबल-तार मकड़ी के जाल की तरह सड़क तक झूल रहे हैं. उसी सड़क से रहवासियों के साथ-साथ तीन स्कूलों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं का आना जाना लगा रहता है. सड़क पर तार-केबल नीचे लटकने से रहवासियों और स्कूली बच्चों की जान का भी खतरा बना हुआ है. मामले में संज्ञान लेते हुए मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक यंत्री, म.प्र. मक्षेविविकं.लिमिटेड भोपाल से मामले की जांच कराकर विद्युत प्रवाहयुक्त तारों को सुरक्षित अवस्था में स्थापित कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है.