मुरैना। गर्मी का मौसम खेतों में खड़ी फसल के लिए खतरा लेकर आता है. गेंहू की सूख चुकी फसल में हल्की सी भी चिंगारी आग का रूप धारण कर किसानों की साल भर की मेहनत को पल भर में खाक कर देती है. जैसे-जैसे गर्मियां तेज होती जा रही हैं, खेतों में काटने के लिए खड़ी फसल तथा काट कर रखी गई फसलों में आगजनी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. नगरीय निकायों के पास आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन न होने से अचानक होने वाली इन घटनाओं को समय रहते रोकने में बड़ी मुश्किल हो रही है, और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. आज शनिवार दोपहर जिले की अंबाह और पोरसा तहसील के दो गांव में भीषण अग्निकांड से लाखों रुपए की फसले जलकर नष्ट हो गई. हाथीपुरा में तीन से चार बीधा की पूरी फसल जल गई. इसी तरह कोंथर खुर्द में चार बीघा की फसल जलकर राख हो गई.
सूझबूझ से दो बीघा की फसल बचा ली
जिले के कोंथर खुर्द गांव में किसान पप्पू, नरेश और उमेश मिश्र तीनों भाईयों की छह बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल में अचानक आग लग गई. खेत से आग की ऊंची लपटें देखकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए, लेकिन आग तेजी से आगे बढ़ रही थी, पानी का भी प्रबंध नहीं था. आग सूखी फसल को लगातार जलाते हुए आगे बढ़ रही थी. इसी बीच एक ट्रैक्टर को मौके पर बुलाया गया, जिससे जल रहे हिस्से के बगल से खेत की जुताई कर दी गई. जिससे आग आगे नहीं बढ़ पाई और ग्रामीणों की सूझबूझ की वजह से दो बीघा फसल को बचा लिया गया. बाद में फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई और आग पर काबू पा लिया गया. हालांकि तब तक 6 बीघा फसल जलकर राख हो गई.
आग के सामने बेबस ग्रामीण
जिले की अंबाह तहसील के बरे का पुरा गांव में पककर पूरी तरह से तैयार चार बीघा गेहूं की फसल में आज दोपहर अचानक आग लग गई, जिससे पूरी फसल जलकर नष्ट हो गई. ग्रामीण आग के सामने बेबस नजर आए और अपनी फसल को नहीं बचा पाए. जब तक दमकल गाड़ी पहुंची, तब तक फसल पूरी तरह से जल चुकी थी. इससे एक ही परिवार के कई किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
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